मुंबई: महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों का ऐलान जल्द होने की उम्मीद है। इन्हीं चुनावों के साथ मुंबई में बीएमसी के चुनाव भी होंगे। इससे पहले कांग्रेस ने मुंबई मेट्रो के स्टेशनों को कॉरपोरेट को बेचे जाने का विरोध किया है। कांग्रेस ने यह विरोध कोलाबा से सीप्झ मेट्रो के कई सारे स्टेशनों के नामकरण के बाद किया है। इस मामले को सबसे पहले मुंबई कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सचिन सावंत ने उठाया था। अब कांग्रेस सड़क पर उतर गई है। मंगलवार को पार्टी ने विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाली मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद वर्षा गायकवाड़ ने किया। उन्होंने महायुति सरकार पर देवी-देवताओं और महापुरुषों के नामों का व्यवसायीकरण करने का आरोप लगाया। गायकवाड़ ने कहा कि मेट्रो स्टेशनों के नाम स्पॉन्सर कर पैसे कमाना सरकार, एमएमआरडीए और एमएमआर को शोभा देता नहीं।   
   
   
सिद्धिविनायक पर कांग्रेस का प्रदर्शन
मंगलवार को सिद्धिविनायक मंदिर के पास मुंबई के नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सिद्धिविनायक मंदिर स्टेशन, छत्रपति शिवाजी महाराज, आचार्य अत्रे, महालक्ष्मी, और कालबादेवी जैसे प्रतिष्ठित स्थानों को कॉर्पोरेट कंपनियों के साथ जोड़ना महापुरुषों और देवताओं का अपमान है। उन्होंने आगे कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस को बैंक के नाम से जोड़ना और आचार्य अत्रे चौक को म्यूचुअल फंड कंपनी के नाम से जोड़ना महाराष्ट्र के गौरव का अपमान है।
     
   
सीएम फडणवीस को चैलेंज
वर्षा गायकवाड़ ने स्पष्ट कहा कि छत्रपति और अत्रे का नाम बिकाऊ नहीं। मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार को नेहरू और गांधी से एलर्जी है, इसलिए उनके नाम वाले स्टेशनों से नाम हटा दिए गए। मुंबई कांग्रेस के महासचिव संदीप शुक्ला ने कहा कि बीजेपी भावनाओं से खेलती रही है। गणपति बप्पा के नाम पर बने स्टेशन का नाम कॉर्पोरेट कंपनी को बेच देना जनभावनाओं का अपमान है। अगर सरकार को पैसा ही चाहिए, तो मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री अपने नाम के आगे किसी कंपनी का नाम जोड़ लें। विरोध प्रदर्शन में प्रणिल नायर, सचिन सावंत, संदीप शुक्ला, सुरेशचंद्र राजहंस, रवि बावकर, भावना जैन सहित अनेक पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित थे।
  
सिद्धिविनायक पर कांग्रेस का प्रदर्शन
मंगलवार को सिद्धिविनायक मंदिर के पास मुंबई के नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सिद्धिविनायक मंदिर स्टेशन, छत्रपति शिवाजी महाराज, आचार्य अत्रे, महालक्ष्मी, और कालबादेवी जैसे प्रतिष्ठित स्थानों को कॉर्पोरेट कंपनियों के साथ जोड़ना महापुरुषों और देवताओं का अपमान है। उन्होंने आगे कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस को बैंक के नाम से जोड़ना और आचार्य अत्रे चौक को म्यूचुअल फंड कंपनी के नाम से जोड़ना महाराष्ट्र के गौरव का अपमान है।
सीएम फडणवीस को चैलेंज
वर्षा गायकवाड़ ने स्पष्ट कहा कि छत्रपति और अत्रे का नाम बिकाऊ नहीं। मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार को नेहरू और गांधी से एलर्जी है, इसलिए उनके नाम वाले स्टेशनों से नाम हटा दिए गए। मुंबई कांग्रेस के महासचिव संदीप शुक्ला ने कहा कि बीजेपी भावनाओं से खेलती रही है। गणपति बप्पा के नाम पर बने स्टेशन का नाम कॉर्पोरेट कंपनी को बेच देना जनभावनाओं का अपमान है। अगर सरकार को पैसा ही चाहिए, तो मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री अपने नाम के आगे किसी कंपनी का नाम जोड़ लें। विरोध प्रदर्शन में प्रणिल नायर, सचिन सावंत, संदीप शुक्ला, सुरेशचंद्र राजहंस, रवि बावकर, भावना जैन सहित अनेक पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित थे।
You may also like
 - बिहार के सूर्यमंदिर में जन्मा 'सूर्यपुत्र', छठ घाट पर गूंजने लगी किलकारी, लोगों ने कहा- ये तो...
 - दिल्लीः JNU का छात्रसंघ चुनाव इस बार होगा बेहद रोमांचक, ABVP को टक्कर देने के लिए लेफ्ट के 3 स्टूडेंट विंग का पैनल
 - पेरिस मास्टर्स : जैनिक सिनर की शानदार जीत, बर्ग्स को 6-4, 6-2 से हराया
 - Stocks in News 30 October 2025: PB Fintech से लेकर ITC तक, आज इन कंपनियों पर होगी बाजार की नजर
 - आराध्याˈ को जन्म देने के बाद फूलकर गुब्बारा हो गई थी ऐश्वर्या राय जानिए कैसे लोगों के तंज के बावजूद कम किया वजन﹒




