नई दिल्ली: अमेरिका के पहले 25 प्रतिशत और अब 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने से बाजारों में हलचल पैदा हो गई। कारोबारियों ने आशंका जताई है कि अमेरिकी के 50 प्रतिशत टैरिफ से कारोबार को करोड़ों का झटका लगेगा। कई व्यापारी संगठनों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है। चैंबर ऑफ ट्रेंड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा है।
जानकारी के मुताबिक, पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया। इस पर व्यापारी वर्ग से लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रिया आईं। लेकिन अब ट्रंप ने फिर से टैरिफ में वृद्धि करने का ऐलान किया है। 27 अगस्त से इस टैरिफ को 25 से 50 प्रतिशत करने की बात सामने आ रही है, जिससे व्यापारी वर्ग में गुस्सा है और थोड़ी कन्फ्यूजन की स्थिति है।
भारतीय चीजों को अपनाकर दें जवाबएक कारोबारी ने बताया कि भारत मेटल, पर्ल, स्टोन, लेदर, केमिकल, कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रिक, मसाले, मशीनरी पार्ट्स, फार्मास्यूटिकल मसाले और चावल समेत कई सामानों का निर्यात करता है। दिल्ली से भी काफी माल अमेरिका जाता है। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के दिल्ली अध्यक्ष विपिन आहूजा ने कहा कि टैरिफ भारत के सम्मान और व्यापारिक आत्मनिर्भरता पर आघात है। अब समय आ गया है कि व्यापारी, ग्राहक और युवा एकजुट हों और इसका जवाब दें। भारतीय चीजों को अपनाकर। अमेरिका भारत के सामानों पर 50% तक टैरिफ लगाकर आर्थिक दबाव बनाना चाहता है, जबकि वही अमेरिका भारतीय सामानों का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। यह टैरिफ नीति सिर्फ भारत के व्यापार को ही नहीं, बल्कि प्रवासी भारतीयों को भी प्रभावित कर रही है, जो बड़ी तादाद में भारतीय सामानों का का इस्तेमाल करते हैं।
'यहां के कारोबार पर सीधा असर'चांदनी चौक के कपड़ा कारोबारी अभिषेक गड़ीवाला ने बताया कि 50% टैरिफ लगाने से भारत से जाने वाला माल अमेरिका में महंगा हो जाएगा। इससे यहां के कारोबार को सीधा असर पड़ेगा। वहीं, दिल्ली व्यापार महासंघ के अध्यक्ष देवराज बवेजा ने बताया कि टैरिफ बढ़ने से भारतीय सामानों के निर्यात पर असर पड़ सकता है। साथ ही अन्य देशों को इससे लाभ मिल सकता है।
CTI ने कहा, भारत भी लगाए टैरिफCTI के चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा कि 50 प्रतिशत टैरिफ के बाद जो माल 100 डॉलर में वहां बिक रहा था, वो अब 150 डॉलर में बिकेगा। ऐसे में इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों का व्यापार भी प्रभावित होगा। इसके अलावा दवाओं का कारोबार भी प्रभावित होगा। बृजेश ने सरकार से मांग की है कि सरकार भी अमेरिका पर जवाबी टैरिफ लगाए।
जानकारी के मुताबिक, पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया। इस पर व्यापारी वर्ग से लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रिया आईं। लेकिन अब ट्रंप ने फिर से टैरिफ में वृद्धि करने का ऐलान किया है। 27 अगस्त से इस टैरिफ को 25 से 50 प्रतिशत करने की बात सामने आ रही है, जिससे व्यापारी वर्ग में गुस्सा है और थोड़ी कन्फ्यूजन की स्थिति है।
भारतीय चीजों को अपनाकर दें जवाबएक कारोबारी ने बताया कि भारत मेटल, पर्ल, स्टोन, लेदर, केमिकल, कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रिक, मसाले, मशीनरी पार्ट्स, फार्मास्यूटिकल मसाले और चावल समेत कई सामानों का निर्यात करता है। दिल्ली से भी काफी माल अमेरिका जाता है। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के दिल्ली अध्यक्ष विपिन आहूजा ने कहा कि टैरिफ भारत के सम्मान और व्यापारिक आत्मनिर्भरता पर आघात है। अब समय आ गया है कि व्यापारी, ग्राहक और युवा एकजुट हों और इसका जवाब दें। भारतीय चीजों को अपनाकर। अमेरिका भारत के सामानों पर 50% तक टैरिफ लगाकर आर्थिक दबाव बनाना चाहता है, जबकि वही अमेरिका भारतीय सामानों का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। यह टैरिफ नीति सिर्फ भारत के व्यापार को ही नहीं, बल्कि प्रवासी भारतीयों को भी प्रभावित कर रही है, जो बड़ी तादाद में भारतीय सामानों का का इस्तेमाल करते हैं।
'यहां के कारोबार पर सीधा असर'चांदनी चौक के कपड़ा कारोबारी अभिषेक गड़ीवाला ने बताया कि 50% टैरिफ लगाने से भारत से जाने वाला माल अमेरिका में महंगा हो जाएगा। इससे यहां के कारोबार को सीधा असर पड़ेगा। वहीं, दिल्ली व्यापार महासंघ के अध्यक्ष देवराज बवेजा ने बताया कि टैरिफ बढ़ने से भारतीय सामानों के निर्यात पर असर पड़ सकता है। साथ ही अन्य देशों को इससे लाभ मिल सकता है।
CTI ने कहा, भारत भी लगाए टैरिफCTI के चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा कि 50 प्रतिशत टैरिफ के बाद जो माल 100 डॉलर में वहां बिक रहा था, वो अब 150 डॉलर में बिकेगा। ऐसे में इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों का व्यापार भी प्रभावित होगा। इसके अलावा दवाओं का कारोबार भी प्रभावित होगा। बृजेश ने सरकार से मांग की है कि सरकार भी अमेरिका पर जवाबी टैरिफ लगाए।
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