नई दिल्ली: इस साल की चौथी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) से सस्ते और मिड-रेंज स्मार्टफोन महंगे हो सकते हैं। ET के मुताबिक, इंडस्ट्री के जानकारों और मार्केट पर नजर रखने वालों का कहना है कि इसकी मुख्य वजह मेमोरी चिप्स की बढ़ती कीमतें है। इस वजह से फोन बनाने का कुल खर्च (इनपुट कॉस्ट) बढ़ गया है। TrendForce के मुताबिक, सस्ते और मिड-रेंज स्मार्टफोन में इस्तेमाल होने वाली मेमोरी चिप्स की सप्लाई घट रही है।
ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि चिप बनाने वाली कंपनियां इनका हाई परफॉर्मेंस कंप्यूटर की बढ़ती मांग प्रोडक्शन कम करके अपनी क्षमता को हाई- बैंडविड्थ मेमोरी (HBM) की में लगा रही हैं। AI डेटा सेंटर का मार्केट तेजी से बढ़ने के कारण HBM की डिमांड आसमान छू रही है। फर्म ने अपनी रिपोर्ट में कहा, सप्लाई में रुकावट से बचने के लिए स्मार्टफोन कंपनियों ने चिप की खरीदारी तेज कर दी है। इससे मांग और सप्लाई का संतुलन और बिगड़ गया है, जिसके चलते चौथी तिमाही में LPDDR4X चिप की कीमतें 10% से ज्यादा बढ़ सकती हैं।
क्या होगा आगे?
Counterpoint Research के एनालिस्ट पर्व शर्मा का कहना है कि चिप की कीमतों में बढ़ोतरी और कमी के पीछे सबसे बड़ी वजह AI सर्वर के लिए हाई परफॉरमेंस की बढ़ती मांग है। ज्यादातर मेमोरी प्रोडक्शन अब हाई- बैंडविड्थ मेमोरी (HBM) बनाने AI डेटा सेंटर का मार्केट तरफ शिफ्ट हो रहा है, जो AI कंप्यूटर्स के लिए बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि चिप बनाने वाली कंपनियों के लिए स्मार्टफोन के पार्ट्स सप्लाई करने के मुकाबले HBM बनाने में लागत और मुनाफा, दोनों काफी ज्यादा हैं।
इसी तरह स्मार्टफोन बनाने में इस्तेमाल होने वाला एक और जरूरी हिस्सा NAND फ्लैश स्टोरेज की कीमतों में भी बाजार के उत्तार चढ़ाव के कारण तेजी देखी जा रही है। इससे कंपनियों पर लागत का दबाव और बढ़ गया है। Trend Force ने कहा, चौथी तिमाही में सभी तरह के NAND फ्लैश को कॉन्ट्रैक्ट कीमतों में 5-10% तक की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि मेमोरी और स्टोरेज की कीमतों में इस उछाल का नतीजा यह होगा कि या तो कंपनियां फोन के फीचर्स से समझौता करेंगी या फिर इस बढ़े हुए खर्च का बोझ ग्राहकों पर डालेंगी।
ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि चिप बनाने वाली कंपनियां इनका हाई परफॉर्मेंस कंप्यूटर की बढ़ती मांग प्रोडक्शन कम करके अपनी क्षमता को हाई- बैंडविड्थ मेमोरी (HBM) की में लगा रही हैं। AI डेटा सेंटर का मार्केट तेजी से बढ़ने के कारण HBM की डिमांड आसमान छू रही है। फर्म ने अपनी रिपोर्ट में कहा, सप्लाई में रुकावट से बचने के लिए स्मार्टफोन कंपनियों ने चिप की खरीदारी तेज कर दी है। इससे मांग और सप्लाई का संतुलन और बिगड़ गया है, जिसके चलते चौथी तिमाही में LPDDR4X चिप की कीमतें 10% से ज्यादा बढ़ सकती हैं।
क्या होगा आगे?
Counterpoint Research के एनालिस्ट पर्व शर्मा का कहना है कि चिप की कीमतों में बढ़ोतरी और कमी के पीछे सबसे बड़ी वजह AI सर्वर के लिए हाई परफॉरमेंस की बढ़ती मांग है। ज्यादातर मेमोरी प्रोडक्शन अब हाई- बैंडविड्थ मेमोरी (HBM) बनाने AI डेटा सेंटर का मार्केट तरफ शिफ्ट हो रहा है, जो AI कंप्यूटर्स के लिए बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि चिप बनाने वाली कंपनियों के लिए स्मार्टफोन के पार्ट्स सप्लाई करने के मुकाबले HBM बनाने में लागत और मुनाफा, दोनों काफी ज्यादा हैं।
इसी तरह स्मार्टफोन बनाने में इस्तेमाल होने वाला एक और जरूरी हिस्सा NAND फ्लैश स्टोरेज की कीमतों में भी बाजार के उत्तार चढ़ाव के कारण तेजी देखी जा रही है। इससे कंपनियों पर लागत का दबाव और बढ़ गया है। Trend Force ने कहा, चौथी तिमाही में सभी तरह के NAND फ्लैश को कॉन्ट्रैक्ट कीमतों में 5-10% तक की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि मेमोरी और स्टोरेज की कीमतों में इस उछाल का नतीजा यह होगा कि या तो कंपनियां फोन के फीचर्स से समझौता करेंगी या फिर इस बढ़े हुए खर्च का बोझ ग्राहकों पर डालेंगी।
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