गयाजी: मगध के हृदय स्थल गया टाउन विधानसभा पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का 35 वर्षों से दबदबा रहा है। आगामी 11 नवंबर को होने वाला चुनाव भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर का रूप लेता दिख रहा है। हालांकि, नवगठित जन सुराज पार्टी के प्रवेश ने इस मुकाबले को एक नया आयाम दे दिया है। बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होंगे। नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएँगे। बिहार चुनाव में मुख्य मुकाबला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन और महागठबंधन के बीच होगा। प्रशांत किशोर की जन सुराज ने भी राज्य की सभी 243 सीटों पर दावा ठोक दिया है।
बीजेपी की स्थिति
बिहार चुनाव 2025 में गया टाउन विधानसभा सीट के उम्मीदवारों में बीजेपी के प्रेम कुमार, कांग्रेस के अखौरी ओंकार नाथ और जन सुराज पार्टी के धीरेंद्र अग्रवाल शामिल हैं। गया टाउन विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के विधायक 35 वर्षों से विभिन्न दलों को हराकर प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। गया टाउन विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की जीत का सिलसिला 1990 से शुरू हुआ था। 1990 से 2020 तक, इसने कांग्रेस, भाकपा और राजद को हराया। उनकी जीत की कुंजी एनडीए गठबंधन के साथ-साथ भाजपा का अपना कैडर वोट भी है। मौजूदा विधानसभा चुनाव में भाजपा को कांग्रेस उम्मीदवार से सीधी टक्कर मिल रही है।
कांग्रेस पार्टी का हाल
कांग्रेस पार्टी को पहले भी शहरी इलाकों में भाजपा से कई बार हार का सामना करना पड़ा है। हालाँकि, इस बार पार्टी पूरी ताकत से सीधे मुकाबले के लिए तैयार दिख रही है। इसके लिए पार्टी अपने एजेंडे, राहुल गांधी के संदेश और तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने के वादे पर ध्यान केंद्रित कर रही है। चुनाव प्रचार के दौरान अक्सर स्थानीय मुद्दे सामने आते हैं, और कभी-कभी मतदाताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप भी छिड़ जाते हैं। भाजपा और कांग्रेस मतदाताओं का दिल जीतने और अपने वोट बैंक को सुरक्षित रखने पर पूरी तरह केंद्रित हैं। हालांकि, जन सुराज जितने ज़्यादा वोट हासिल करेगा, भाजपा या कांग्रेस की जीत तय करने में उसका प्रभाव उतना ही ज़्यादा होगा।
टाउन के मतदाता
जन सुराज उम्मीदवार गया शहर में काफी प्रसिद्ध हैं, उन्होंने भाजपा के ढांचे के भीतर अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था और इससे पहले पड़ोसी चतरा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद के रूप में कार्य किया था। उन्होंने पहली बार 1985 में गया टाउन विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। इस प्रकार, गया के मतदाताओं पर उनका स्पष्ट प्रभाव है। गया टाउन विधानसभा में मतदाताओं की कुल संख्या 2,79,287 है, जिसमें 1,45,270 पुरुष, 1,34,014 महिलाएं और तीन तृतीय लिंग मतदाता शामिल हैं।
बीजेपी की स्थिति
बिहार चुनाव 2025 में गया टाउन विधानसभा सीट के उम्मीदवारों में बीजेपी के प्रेम कुमार, कांग्रेस के अखौरी ओंकार नाथ और जन सुराज पार्टी के धीरेंद्र अग्रवाल शामिल हैं। गया टाउन विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के विधायक 35 वर्षों से विभिन्न दलों को हराकर प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। गया टाउन विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की जीत का सिलसिला 1990 से शुरू हुआ था। 1990 से 2020 तक, इसने कांग्रेस, भाकपा और राजद को हराया। उनकी जीत की कुंजी एनडीए गठबंधन के साथ-साथ भाजपा का अपना कैडर वोट भी है। मौजूदा विधानसभा चुनाव में भाजपा को कांग्रेस उम्मीदवार से सीधी टक्कर मिल रही है।
कांग्रेस पार्टी का हाल
कांग्रेस पार्टी को पहले भी शहरी इलाकों में भाजपा से कई बार हार का सामना करना पड़ा है। हालाँकि, इस बार पार्टी पूरी ताकत से सीधे मुकाबले के लिए तैयार दिख रही है। इसके लिए पार्टी अपने एजेंडे, राहुल गांधी के संदेश और तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने के वादे पर ध्यान केंद्रित कर रही है। चुनाव प्रचार के दौरान अक्सर स्थानीय मुद्दे सामने आते हैं, और कभी-कभी मतदाताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप भी छिड़ जाते हैं। भाजपा और कांग्रेस मतदाताओं का दिल जीतने और अपने वोट बैंक को सुरक्षित रखने पर पूरी तरह केंद्रित हैं। हालांकि, जन सुराज जितने ज़्यादा वोट हासिल करेगा, भाजपा या कांग्रेस की जीत तय करने में उसका प्रभाव उतना ही ज़्यादा होगा।
टाउन के मतदाता
जन सुराज उम्मीदवार गया शहर में काफी प्रसिद्ध हैं, उन्होंने भाजपा के ढांचे के भीतर अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था और इससे पहले पड़ोसी चतरा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद के रूप में कार्य किया था। उन्होंने पहली बार 1985 में गया टाउन विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। इस प्रकार, गया के मतदाताओं पर उनका स्पष्ट प्रभाव है। गया टाउन विधानसभा में मतदाताओं की कुल संख्या 2,79,287 है, जिसमें 1,45,270 पुरुष, 1,34,014 महिलाएं और तीन तृतीय लिंग मतदाता शामिल हैं।
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