नई दिल्ली: आईवियर रिटेलर लेंसकार्ट सॉल्यूशंस का आईपीओ आज सोमवार को शेयर बाजार में लिस्ट हो गया। इसने लिस्टिंग पर निवेशकों को मायूस कर दिया। बीएसई पर इसकी लिस्टिंग 3% नुकसान के साथ 390 रुपये पर हुई। इसका आईपीओ प्राइस 402 रुपये था। ऐसे में इसने निवेशकों को लिस्टिंग पर ही 12 रुपये प्रति शेयर का नुकसान दे दिया। लिस्टिंग के बाद भी इसमें गिरावट आ गई और कुछ ही देर में यह 355.70 रुपये तक आ गया था।
लेंसकार्ट का आईपीओ साल 2025 के सबसे चर्चित कंज्यूमर IPOs में से एक था। ग्रे मार्केट में इसकी शुरुआत जबरदस्त हुई थी। लेकिन बाद में निवेशकों का उत्साह काफी कम हो गया है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि IPO के ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) में भारी गिरावट आ गई थी। सोमवार को इसका जीएमपी लिस्टिंग से पहले 10 रुपये था। यह अपने उच्चतम जीएमपी से 108 रुपये से 90 फीसदी ज्यादा गिर गया था।
निवेशकों का जबरदस्त समर्थनलेंसकार्ट का 7,278 करोड़ रुपये का आईपीओ था, जो इस साल के सबसे बड़े कंज्यूमर लिस्टिंग में से एक है, को 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की बोलियां मिलीं। इसका मतलब है कि आईपीओ 28.3 गुना सब्सक्राइब हुआ। संस्थागत निवेशकों ने इसमें सबसे ज्यादा दिलचस्पी दिखाई। क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) ने 45 गुना बोली लगाई, जो विदेशी और घरेलू फंडों का मजबूत भरोसा दिखाता है।
नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स ने 18 गुना बोली लगाई, जबकि रिटेल निवेशकों ने 7.5 गुना हिस्सा लिया। यह भागीदारी अच्छी मानी जा रही है, खासकर तब जब शेयर का टिकट साइज बड़ा था और वैल्यूएशन को लेकर चिंताएं थीं। एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक, निवेशकों ने 9.97 करोड़ शेयरों के मुकाबले 281 करोड़ शेयरों के लिए बोली लगाई। यह दिखाता है कि शेयर बाजार की थोड़ी घबराहट के बावजूद मांग काफी मजबूत थी।
अब क्या करें निवेशक?विश्लेषकों का कहना है कि कंपनी की मजबूत ओमनीचैनल उपस्थिति (ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से बिक्री), डिजिटल-फर्स्ट रणनीति और केंद्रीकृत विनिर्माण (एक ही जगह से उत्पादन) इसे बढ़ाने में मदद करते हैं। लेकिन निवेशक आने वाली तिमाहियों में मार्जिन में सुधार और मुनाफे के रुझान पर बारीकी से नजर रखेंगे।
ज्यादातर ब्रोकरेज फर्मों का मानना है कि कंपनी के शेयर में तेजी लाने के लिए केवल भावनाएं नहीं, बल्कि कंपनी का प्रदर्शन मायने रखेगा। एक्सपर्ट के मुताबिक भारत के 50,000 करोड़ रुपये के चश्मे बाजार में कंपनी के पास लंबी अवधि का बड़ा अवसर है। ऐसे में यह शेयर लॉन्ग टर्म में निवेशकों को मुनाफा दे सकता है।
लेंसकार्ट का आईपीओ साल 2025 के सबसे चर्चित कंज्यूमर IPOs में से एक था। ग्रे मार्केट में इसकी शुरुआत जबरदस्त हुई थी। लेकिन बाद में निवेशकों का उत्साह काफी कम हो गया है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि IPO के ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) में भारी गिरावट आ गई थी। सोमवार को इसका जीएमपी लिस्टिंग से पहले 10 रुपये था। यह अपने उच्चतम जीएमपी से 108 रुपये से 90 फीसदी ज्यादा गिर गया था।
निवेशकों का जबरदस्त समर्थनलेंसकार्ट का 7,278 करोड़ रुपये का आईपीओ था, जो इस साल के सबसे बड़े कंज्यूमर लिस्टिंग में से एक है, को 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की बोलियां मिलीं। इसका मतलब है कि आईपीओ 28.3 गुना सब्सक्राइब हुआ। संस्थागत निवेशकों ने इसमें सबसे ज्यादा दिलचस्पी दिखाई। क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) ने 45 गुना बोली लगाई, जो विदेशी और घरेलू फंडों का मजबूत भरोसा दिखाता है।
नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स ने 18 गुना बोली लगाई, जबकि रिटेल निवेशकों ने 7.5 गुना हिस्सा लिया। यह भागीदारी अच्छी मानी जा रही है, खासकर तब जब शेयर का टिकट साइज बड़ा था और वैल्यूएशन को लेकर चिंताएं थीं। एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक, निवेशकों ने 9.97 करोड़ शेयरों के मुकाबले 281 करोड़ शेयरों के लिए बोली लगाई। यह दिखाता है कि शेयर बाजार की थोड़ी घबराहट के बावजूद मांग काफी मजबूत थी।
अब क्या करें निवेशक?विश्लेषकों का कहना है कि कंपनी की मजबूत ओमनीचैनल उपस्थिति (ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से बिक्री), डिजिटल-फर्स्ट रणनीति और केंद्रीकृत विनिर्माण (एक ही जगह से उत्पादन) इसे बढ़ाने में मदद करते हैं। लेकिन निवेशक आने वाली तिमाहियों में मार्जिन में सुधार और मुनाफे के रुझान पर बारीकी से नजर रखेंगे।
ज्यादातर ब्रोकरेज फर्मों का मानना है कि कंपनी के शेयर में तेजी लाने के लिए केवल भावनाएं नहीं, बल्कि कंपनी का प्रदर्शन मायने रखेगा। एक्सपर्ट के मुताबिक भारत के 50,000 करोड़ रुपये के चश्मे बाजार में कंपनी के पास लंबी अवधि का बड़ा अवसर है। ऐसे में यह शेयर लॉन्ग टर्म में निवेशकों को मुनाफा दे सकता है।
You may also like

फरहाना भट्ट की टीम ने सलमान पर लगाया पक्षपात का आरोप, भाईजान के फैंस ने भी कायदे से भिगोकर मारा- ऐंठन नहीं गई

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थशास्त्रियों के साथ की पहली प्री-बजट चर्चा

श्रीलंकाई नौसेना ने 14 मछुआरों को किया गिरफ्तार, नाव में आई तकनीकी खराबी बनी वजह

बाहुबली आज फिल्म नहीं, एक विरासत है,अपने किरदार भल्लालदेव पर बोले राणा दग्गुबाती

Bihar Election: बिहार में कभी किसी दल ने 25 फीसदी वोट शेयर क्रॉस नहीं किया, इस बार क्या होगा?




