सूरज मौर्या, हाथरस: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में माधुरी गांव में मंदिर से प्रसाद के रूप में मिली मिठाई खाने से एक महिला की मौत हो गई है। वहीं कई अन्य महिला, पुरुष और बच्चे भी प्रसाद रूपी मिठाई खाने से फूड पॉइजनिंग का शिकार होकर बीमार हो गए हैं। उनका इलाज एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और आगरा के निजी अस्पतालों में चल रहा है।
जानकारी के अनुसार, 21 अक्टूबर की शाम को गांव के मंदिर में खोवे की मिठाई के तीन डिब्बे मिले थे। गांव की महिलाओं और पुरुषों ने इसे प्रसाद समझकर भगवान को भोग लगाया और आपस में बांटकर खा लिया। अगले दिन, 22 अक्टूबर को भी मंदिर पर इसी प्रकार खोवे की मिठाई के डिब्बे मिले, जिसे फिर से प्रसाद के रूप में वितरित किया गया और बच्चों, महिलाओं व पुरुषों ने खाया।
22 अक्टूबर की शाम से ही प्रसाद खाने वाले लोगों की तबीयत बिगड़ने लगी। हालत बिगड़ने पर उन्हें इलाज के लिए अलग-अलग जगहों पर ले जाया गया। 23 अक्टूबर को कुछ गंभीर मरीजों को आगरा रेफर किया गया। 24 अक्टूबर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को घटना की सूचना मिली, जिसके बाद हाथरस से स्वास्थ्य विभाग की टीम तुरंत गांव पहुंची। टीम ने मंदिर में बचे हुए लड्डू जांच के लिए अपने साथ ले लिए हैं।
25 अक्टूबर की सुबह से स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मुकेश (50), बृजेश (55), श्रीमती (60), रामादेवी (50) और एक मासूम बच्चे का इलाज चल रहा है। वहीं 55 वर्षीय मुन्नी देवी की तबियत ज्यादा बिगड़ने उसकी मौत हो गई।घटना की सूचना मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की कई टीम गांव पहुंच गई और लोगो का चेकअप कराया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, 21 अक्टूबर की शाम को गांव के मंदिर में खोवे की मिठाई के तीन डिब्बे मिले थे। गांव की महिलाओं और पुरुषों ने इसे प्रसाद समझकर भगवान को भोग लगाया और आपस में बांटकर खा लिया। अगले दिन, 22 अक्टूबर को भी मंदिर पर इसी प्रकार खोवे की मिठाई के डिब्बे मिले, जिसे फिर से प्रसाद के रूप में वितरित किया गया और बच्चों, महिलाओं व पुरुषों ने खाया।
22 अक्टूबर की शाम से ही प्रसाद खाने वाले लोगों की तबीयत बिगड़ने लगी। हालत बिगड़ने पर उन्हें इलाज के लिए अलग-अलग जगहों पर ले जाया गया। 23 अक्टूबर को कुछ गंभीर मरीजों को आगरा रेफर किया गया। 24 अक्टूबर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को घटना की सूचना मिली, जिसके बाद हाथरस से स्वास्थ्य विभाग की टीम तुरंत गांव पहुंची। टीम ने मंदिर में बचे हुए लड्डू जांच के लिए अपने साथ ले लिए हैं।
25 अक्टूबर की सुबह से स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मुकेश (50), बृजेश (55), श्रीमती (60), रामादेवी (50) और एक मासूम बच्चे का इलाज चल रहा है। वहीं 55 वर्षीय मुन्नी देवी की तबियत ज्यादा बिगड़ने उसकी मौत हो गई।घटना की सूचना मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की कई टीम गांव पहुंच गई और लोगो का चेकअप कराया जा रहा है।
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