काबुल: अफगानिस्तान में राज कर रहे तालिबान के अंदर खिंची तलवारें थमती नहीं दिख रही हैं। हक्कानी नेटवर्क के सरगना और अफगानिस्तान के गृहमंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी ने तालिबान के चीफ हैबतुल्ला अंखुदजादा से मुलाकात की है। इस दौरान हक्कानी ने खुलकर तालिबान चीफ को चेतावनी दी। इससे पहले खबरें आई थीं कि हक्कानी को गृहमंत्री के पद से हटा दिया गया है। हालांकि बाद में तालिबान ने इसका खंडन किया था। हक्कानी और तालिबान चीफ के बीच तनाव की खबरें तब ज्यादा बढ़ गई थी जब सिराजुद्दीन यूएई और सऊदी अरब के दौरे पर गया और कई दिनों तक लौटा ही नहीं। बताया जा रहा है कि ताजा मुलाकात में तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर के बेटे और अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री मुल्ला याकूब और अफगानिस्तान की खुफिया एजेंसी के प्रमुख अब्दुल हक वासिक ने अहम भूमिका निभाई। अफगान इंटरनैशनल की रिपोर्ट के मुताबिक कंधार में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में हैबतुल्ला और हक्कानी के बीच मुलाकात हुई। इससे पहले हक्कानी ने हैबतुल्ला की नीतियों की कट्टरपंथी नीतियों की कड़ी आलोचना की थी। हक्कानी ने यह भी कहा था कि अगर ऐसे ही चलता रहा तो तालिबान के कई सीनियर लीडर उससे अलग हो सकते हैं। तालिबान सरगना को दी गई इस धमकी को काफी दुर्लभ माना जा रहा है। कई रिपोर्टों में यह भी दावा किया गया था कि हक्कानी को हैबतुल्ला के खिलाफ तालिबान का चीफ बनने के लिए अमेरिका का भी समर्थन मिल गया है। हालांकि अमेरिका ने इसकी पुष्टि नहीं की है। हक्कानी कभी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का प्यादा रह चुका है। अफगानिस्तान की सत्ता चाह रहा है हक्कानी हक्कानी ने तालिबान सरगना से यह भी कहा कि वह सत्ता को कुछ लोगों में केंद्रित कर रहे हैं जो ठीक नहीं है। साल 2021 में सत्ता में आने के बाद अब तालिबान के अंदर विरोध तेज होता जा रहा है। तालिबान सरगना की नीतियां हक्कानी को पसंद नहीं आ रही हैं और वह खुद अफगानिस्तान पर राज करने का सपना देख रहा है। हक्कानी ने कहा कि हैबतुल्ला की नीतियों की वजह से आम अफगानी जनता उनसे दूर जा रही है और तालिबान का सपोर्ट कम हो रहा है। साथ ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान कटता जा रहा है। सिराजुद्दीन हक्कानी ने तालिबान के सरगना के उस फैसले की भी कड़ी आलोचना की जिसमें उसके गृह मंत्रालय की प्रमुख जिम्मेदारियों को सद्र इब्राहिम को सौंप दी गई हैं। सद्र तालिबान सरगना का करीबी है। हक्कानी ने कहा कि यह उसे जानबूझकर साइडलाइन करने का प्रयास है। वहीं अखुंदजादा ने कहा कि सद्र और मोहम्मद नबी को हक्कानी की अनुपस्थिति में एक जैसी शक्तियां दी गई थीं। उसने यह भी कहा कि वह पश्चिमी देशों की मांग को नहीं मानता है। हैबतुल्ला ने जोर देकर कहा कि तालिबानी अधिकारी बिना समझौते के ही अपनी जिम्मेदारी को स्वतंत्रतापूर्वक पूरा करें। सूत्रों का कहना है कि इस मध्यस्थता के बाद भी हक्कानी अभी तक गृहमंत्री के पद पर वापस नहीं लौटा है।
You may also like
Bollywood: फिल्म जाट के लिए सनी देओल ने वसूल की है इतने करोड़ की मोटी राशि, जानकर चौंक जाएंगे आप
सिनेमाघरों में फिर रिलीज हुई 'विक्की डोनर', आयुष्मान बोले- फिल्म ने मेरी जिंदगी बदल दी
Travel Tips: जाना हैं बच्चों के साथ में घूमने तो फिर आप भी बना ले उत्तराखं डमें इन जगहों का प्लॉन
सीलमपुर हत्या मामला: सीएम रेखा गुप्ता ने कहा, जल्द पकड़े जाएंगे आरोपी, मृतक परिवार के साथ होगा पूरा न्याय
खानपान की आदतों में सुधार से 50 प्रतिशत तक कम हो सकती है लिवर की बीमारी