वॉशिंगटन: अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने H-1B वीजा पर नई गाइडलाइन जारी की है। इसमें 1,00,000 डॉलर की फीस को लेकर साफ किया गया है कि सभी आवेदकों को ये शुल्क नहीं देना होगा। H1B वीजाधारक को स्टेटस बदलने और प्रवास विस्तार की स्थिति में बढ़ा शुल्क नहीं देना होगा। यह भारतीयों के लिए खासतौर से राहत लेकर आया है क्योंकि इस वीजा के लिए भारतीय सबसे ज्यादा अप्लाई करते हैं। बीते साल, 2024 में कुल स्वीकृत H-1B वीजाधारकों में से 70 प्रतिशत भारतीय मूल के कर्मचारी थे। भारत से आने वाले कुशल पेशेवरों की संख्या सबसे अधिक है। ऐसे में उनके ही सबसे ज्यादा लंबित आवेदन हैं।
अमेरिका की नागरिक और इमिग्रेशन सर्विस (USCIS) की ओर से जारी गाइडलाइन में गैर-आप्रवासी कामगारों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 19 सितंबर के आदेश में दी गई छूट को स्पष्ट किया है। इसमें कहा गया है कि अमेरिका में H-1B वीजा आवेदनों पर एक लाख अमेरिकी डॉलर (88 लाख भारतीय रुपए) का शुल्क ऐसे आवेदकों पर लागू नहीं होगा, जो अपने 'स्टेटस' में बदलाव चाहते हैं या प्रवास की अवधि बढ़वाना चाहते हैं।
इन वर्गों को भी मिलेगी छूटUSCIS ने कहा है कि ट्रंप का H1-B वीजा पर बढ़ाकर किया गया 1,00,000 अमेरिकी डॉलर का देश आदेश पहले से जारी और वर्तमान में मान्य H-1B वीजा या फिर 21 सितंबर तक जमा किए गए आवेदन पर लागू नहीं होगा। USCIS ने साफ किया है कि मौजूदा H1-B वीजाधारक के अमेरिका में आने-जाने पर कोई रोक नहीं है।
H-1B वीजा पर USCIS की यह नई गाइडलाइन यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से ट्रंप प्रशासन पर नए नियमों को लेकर मुकदमा दायर करने के बाद आई है। इस संगठन ने बढ़ाई गई फीस से अमेरिकी कंपनियों को नुकसान होने की बात कही है। इस बड़े व्यावसायिक संगठन ने ट्रंप के 19 सितंबर का आदेश को कानूनी रूप से गलत कहा है।
ट्रंप ने इस आदेश पर हस्ताक्षर करते समय कहा था कि उनकी इस पहल का उद्देश्य अमेरिका के लोगों को नौकरी में प्राथमिकता देना है। दूसरी विदेशी कामगारों और कंपनियों में इससे चिंता है। खासतौर से भारत के लोगों पर इससे असर हुआ है क्योंकि H-1B वीजा के जरिए अमेरिका में काम पाने वाले लोगों में आधे से ज्यादा सिर्फ भारतीय हैं।
अमेरिका की नागरिक और इमिग्रेशन सर्विस (USCIS) की ओर से जारी गाइडलाइन में गैर-आप्रवासी कामगारों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 19 सितंबर के आदेश में दी गई छूट को स्पष्ट किया है। इसमें कहा गया है कि अमेरिका में H-1B वीजा आवेदनों पर एक लाख अमेरिकी डॉलर (88 लाख भारतीय रुपए) का शुल्क ऐसे आवेदकों पर लागू नहीं होगा, जो अपने 'स्टेटस' में बदलाव चाहते हैं या प्रवास की अवधि बढ़वाना चाहते हैं।
इन वर्गों को भी मिलेगी छूटUSCIS ने कहा है कि ट्रंप का H1-B वीजा पर बढ़ाकर किया गया 1,00,000 अमेरिकी डॉलर का देश आदेश पहले से जारी और वर्तमान में मान्य H-1B वीजा या फिर 21 सितंबर तक जमा किए गए आवेदन पर लागू नहीं होगा। USCIS ने साफ किया है कि मौजूदा H1-B वीजाधारक के अमेरिका में आने-जाने पर कोई रोक नहीं है।
H-1B वीजा पर USCIS की यह नई गाइडलाइन यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से ट्रंप प्रशासन पर नए नियमों को लेकर मुकदमा दायर करने के बाद आई है। इस संगठन ने बढ़ाई गई फीस से अमेरिकी कंपनियों को नुकसान होने की बात कही है। इस बड़े व्यावसायिक संगठन ने ट्रंप के 19 सितंबर का आदेश को कानूनी रूप से गलत कहा है।
ट्रंप ने इस आदेश पर हस्ताक्षर करते समय कहा था कि उनकी इस पहल का उद्देश्य अमेरिका के लोगों को नौकरी में प्राथमिकता देना है। दूसरी विदेशी कामगारों और कंपनियों में इससे चिंता है। खासतौर से भारत के लोगों पर इससे असर हुआ है क्योंकि H-1B वीजा के जरिए अमेरिका में काम पाने वाले लोगों में आधे से ज्यादा सिर्फ भारतीय हैं।
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