ढाका: बांग्लादेश में बीते साल बड़ा सियासी घटनाक्रम देखने को मिला था। छात्रों के विरोध प्रदर्शन और सेना के सुरक्षा देने से हाथ खींचने के बाद अगस्त, 2024 को तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा था। इसके बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनी लेकिन देश में राजनीतिक अस्थिरता जारी है। हालिया महीनों में बांग्लादेशी मीडिया में सैन्य तख्तापलट की अफवाहें उड़ती रही हैं। इस सबके बीच शेख हसीना की सरकार गिराने में बांग्लादेश सेना प्रमुख वकार उज जमां और अमेरिका की भूमिका पर बड़ा दावा सामने आया है।   
   
न्यूज18 की रिपोर्ट के मुताबिक, शेख हसीना के समय में गृह मंत्री रहे असदुज्जमां खान कमाल ने सत्ता हस्तांतरण को अमेरिकी एजेंसी सीआईए की लिखी पटकथा बताया है। उन्होंने बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकार उज जमां के बारे में कहा है कि वह सीआईए की जेब में हैं और उन्होंने रिश्तेदार होने के बावजूद हसीना की पीठ में छुरा घोंपा। कमाल से बातचीत के आधार पर यह चौंकाने वाला खुलासा दीप हलदर, जयदीप मजूमदार और साहिदुल हसन खोकन की किताब इंशाल्लाह बांग्लादेश: द स्टोरी ऑफ एन अनफिनिश्ड रेवोल्यूशन में किया गया है।
     
CIA के नियंत्रण में जमांशेख हसीना के सबसे ताकतवर नेता माने जाने वाले नेता असदुज्जमां खान कमाल से बातचीत का हवाला किताब में दिया गया है। कमाल ने इस घटनाक्रम पर कहा, 'यह हसीना को सत्ता से बेदखल करने के लिए लंबे समय से रची गई सीआईएकी एक सटीक साजिश थी। हमें नहीं पता था कि सीआईए जनरल वकार को अपनी जेब में रखती है।'
     
किताब में कमाल के हवाले से कहा गया है कि हमारी प्रमुख रक्षा खुफिया एजेंसी या किसी दूसरी संस्था ने शेख हसीना को यह चेतावनी नहीं दी कि वकार ने उन्हें धोखा देने का फैसला किया है। शायद वह भी साजिश में शामिल होंगे क्योंकि सेना प्रमुख खुद प्रमुख साजिशकर्ता थे। ऐसे में आखिरी वक्त तक हसीना को इसका पता नहीं चला।
   
अमेरिका ने क्यों बदली सत्ताबांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन से अमेरिका को फायदे की दो वजह कमाल ने बताईं। पहला- दक्षिण एशिया में मोदी, जिनपिंग और हसीना जैसे शक्तिशाली राष्ट्राध्यक्षों को हटाना। मजबूत नेताओं के रहते सीआईए को दिकक्त होती है। कमजोर सरकारों से अमेरिकी हितों की पूर्ति होती है। हालांकि हसीना के मामले में तात्कालिक कारण सेंट मार्टिन द्वीप बना।
   
सेंट मार्टिन द्वीप टेकनाफ से 9 किमी दक्षिण और म्यांमार से 8 किमी दूर बंगाल की खाड़ी में एक रणनीतिक स्थान पर स्थित है। यह हिंद महासागर में चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच बेहद महत्वपूर्ण है।हसीना खुद यह कह चुकी हैं कि अगर वह यह द्वीप अमेरिकियों को सौंप देतीं तो वह बिना किसी समस्या के सत्ता में बनी रह सकती थीं।
   
बांग्लादेश के पूर्व गृह मंत्री के अनुसार, जनरल वकार को उसी नेता को हटाना था, जिसने उन्हें सेना प्रमुख चुना था। इसमें ना सिर्फ सीआईए बल्कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई भी कट्टरपंथीजमात के साथ मिलकर काम कर रही थी। आईएसआई ने प्रदर्शन में घुसपैठ की और पुलिसकर्मियों की हत्या में भूमिका निभाई, जिससे हिंसा भड़की।
  
न्यूज18 की रिपोर्ट के मुताबिक, शेख हसीना के समय में गृह मंत्री रहे असदुज्जमां खान कमाल ने सत्ता हस्तांतरण को अमेरिकी एजेंसी सीआईए की लिखी पटकथा बताया है। उन्होंने बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकार उज जमां के बारे में कहा है कि वह सीआईए की जेब में हैं और उन्होंने रिश्तेदार होने के बावजूद हसीना की पीठ में छुरा घोंपा। कमाल से बातचीत के आधार पर यह चौंकाने वाला खुलासा दीप हलदर, जयदीप मजूमदार और साहिदुल हसन खोकन की किताब इंशाल्लाह बांग्लादेश: द स्टोरी ऑफ एन अनफिनिश्ड रेवोल्यूशन में किया गया है।
CIA के नियंत्रण में जमांशेख हसीना के सबसे ताकतवर नेता माने जाने वाले नेता असदुज्जमां खान कमाल से बातचीत का हवाला किताब में दिया गया है। कमाल ने इस घटनाक्रम पर कहा, 'यह हसीना को सत्ता से बेदखल करने के लिए लंबे समय से रची गई सीआईएकी एक सटीक साजिश थी। हमें नहीं पता था कि सीआईए जनरल वकार को अपनी जेब में रखती है।'
किताब में कमाल के हवाले से कहा गया है कि हमारी प्रमुख रक्षा खुफिया एजेंसी या किसी दूसरी संस्था ने शेख हसीना को यह चेतावनी नहीं दी कि वकार ने उन्हें धोखा देने का फैसला किया है। शायद वह भी साजिश में शामिल होंगे क्योंकि सेना प्रमुख खुद प्रमुख साजिशकर्ता थे। ऐसे में आखिरी वक्त तक हसीना को इसका पता नहीं चला।
अमेरिका ने क्यों बदली सत्ताबांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन से अमेरिका को फायदे की दो वजह कमाल ने बताईं। पहला- दक्षिण एशिया में मोदी, जिनपिंग और हसीना जैसे शक्तिशाली राष्ट्राध्यक्षों को हटाना। मजबूत नेताओं के रहते सीआईए को दिकक्त होती है। कमजोर सरकारों से अमेरिकी हितों की पूर्ति होती है। हालांकि हसीना के मामले में तात्कालिक कारण सेंट मार्टिन द्वीप बना।
सेंट मार्टिन द्वीप टेकनाफ से 9 किमी दक्षिण और म्यांमार से 8 किमी दूर बंगाल की खाड़ी में एक रणनीतिक स्थान पर स्थित है। यह हिंद महासागर में चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच बेहद महत्वपूर्ण है।हसीना खुद यह कह चुकी हैं कि अगर वह यह द्वीप अमेरिकियों को सौंप देतीं तो वह बिना किसी समस्या के सत्ता में बनी रह सकती थीं।
बांग्लादेश के पूर्व गृह मंत्री के अनुसार, जनरल वकार को उसी नेता को हटाना था, जिसने उन्हें सेना प्रमुख चुना था। इसमें ना सिर्फ सीआईए बल्कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई भी कट्टरपंथीजमात के साथ मिलकर काम कर रही थी। आईएसआई ने प्रदर्शन में घुसपैठ की और पुलिसकर्मियों की हत्या में भूमिका निभाई, जिससे हिंसा भड़की।
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