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Digital Blackout : रूस ने बना लिया अपना देसी WhatsApp और Gmail, जो बिना इंटरनेट के भी दौड़ेगा

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News India Live, Digital Desk: Digital Blackout : ज़रा सोचिए, अगर एक सुबह आप उठें और आपका इंटरनेट बंद हो... न WhatsApp चले, न Gmail खुले, और न ही Google पर कुछ सर्च हो पाए. हमारी तो पूरी दुनिया ही रुक जाएगी, है न? काम-धंधा, पढ़ाई-लिखाई, मनोरंजन, सब कुछ ठप.लेकिन एक देश है जो इसी सबसे बड़े डर से निपटने की तैयारी कर चुका है. वो देश है रूस. रूस ने अब कुछ ऐसे कमाल के ऐप्स लॉन्च कर दिए हैं, जो बिना ग्लोबल इंटरनेट के भी चलते रहेंगे. मतलब, अगर कोई रूस को पूरी दुनिया के इंटरनेट से काट भी दे, तो भी वहां के लोगों का काम नहीं रुकेगा.रूस ने बना लिया अपना 'देसी' WhatsApp और Gmailरूस की सबसे बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनी 'वीके' (VK), जिसे 'रूस का फेसबुक' भी कहा जाता है, ने यह कारनामा कर दिखाया है. कंपनी ने अपना खुद का:ईमेल ऐप (Mail.ru): जीमेल की तरह.मैसेंजर (VK Messenger): व्हाट्सएप और टेलीग्राम की तरह.क्लाउड सर्विस: गूगल ड्राइव की तरह.ये सारे ऐप्स तैयार कर लिए हैं. सबसे बड़ी और हैरान करने वाली बात यह है कि ये सारे ऐप्स बिना इंटरनेट के भी आपस में जुड़े रहेंगे और काम करते रहेंगे.आखिर बिना इंटरनेट के यह चलेगा कैसे?दरअसल, रूस ने इन्हें अपने घरेलू नेटवर्क, जिसे 'रूनट' (Runet) या एक तरह का 'रूसी इंट्रानेट' कह सकते हैं, पर चलाने के लिए बनाया है. इसका मतलब यह है कि अगर रूस को बाकी दुनिया के वेब से अलग भी कर दिया जाए, तो देश के अंदर यह नेटवर्क जिंदा रहेगा और ये सभी सेवाएं पहले की तरह चलती रहेंगी.रूस को ऐसा करने की जरूरत क्यों पड़ी?इस बड़े कदम के पीछे एक गहरा डर छिपा है. यूक्रेन के साथ युद्ध शुरू होने के बाद से ही रूस पर पश्चिमी देशों ने कई तरह की पाबंदियां लगाई हैं. रूस को यह डर है कि ये देश उसे कभी भी ग्लोबल इंटरनेट से पूरी तरह से काट सकते हैं. इसी 'डिजिटल घेराबंदी' से बचने और आत्मनिर्भर बनने के लिए रूस ने यह कदम उठाया है. वो नहीं चाहता कि इंटरनेट बंद होने पर उसका पूरा देश थम जाए.यह सिर्फ कुछ ऐप्स बनाने की बात नहीं है. यह इंटरनेट की दुनिया में एक बहुत बड़े बदलाव का संकेत है. एक्सपर्ट्स इसे 'स्प्लिंटरनेट' (Splinternet) कह रहे हैं - यानी एक ग्लोबल इंटरनेट का कई देशों के अपने-अपने घरेलू इंटरनेट में बंट जाना. रूस का यह कदम इसी 'स्प्लिंटरनेट' की तरफ एक बहुत बड़ा कदम है.मतलब साफ है, रूस अपनी जनता के लिए एक डिजिटल 'सेफ्टी नेट' बना रहा है ताकि बाहरी दुनिया से कट जाने पर भी देश के अंदर डिजिटल जिंदगी पहले की तरह चलती रहे.
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