वाशिंगटन: भारतीयों सहित दुनिया भर में हजारों माता-पिता अपने और अपने बच्चों के लिए अमेरिकी नागरिकता प्राप्त करने हेतु अपने बच्चों को मैक्सिको-कनाडा या अमेरिका-कनाडा सीमा पर छोड़ रहे हैं। अकेले 2024 में 500 से अधिक ऐसे भारतीय नाबालिगों को गिरफ्तार किया गया है। लेकिन ट्रम्प प्रशासन ने इस प्रकार के नागरिकता प्रयास के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का फैसला किया है।
आव्रजन निरीक्षक इसे एक सावधानीपूर्वक सोची-समझी रणनीति मानते हैं। भारतीय परिवार अमेरिका में शरण पाने के लिए इस रणनीति का उपयोग करते हैं। कई मामलों में बच्चों को अकेले भेजा जाता है, जबकि कई अन्य मामलों में उन्हें अज्ञात समूहों के साथ भेजा जाता है। उसके बाद उसे अमेरिकी चौकियों पर तैनात कर दिया गया। एक बार जब ये बच्चे पकड़े जाएंगे, तो उम्मीद है कि उनकी उपस्थिति से उनके माता-पिता को संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रवेश पाने में मदद मिलेगी। अक्सर वे परिवार के पुनर्मिलन के आधार पर शरण के लिए आवेदन करते हैं। अवैध आव्रजन पर एक विशेषज्ञ ने कहा कि माता-पिता अक्सर संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रवेश पाने के लिए अपने बच्चों का इस्तेमाल करते हैं।
उन्होंने कहा कि आमतौर पर माता-पिता ही अवैध रूप से प्रवेश करने में सबसे पहले सफल होते हैं। फिर वह अपने बच्चों के लिए अन्य अवैध पर्यटकों के माध्यम से यात्रा की व्यवस्था करता है। जब बच्चे सीमा पर पकड़े जाते हैं, तो परिवार शरण के लिए आवेदन करता है। इससे उन्हें मानवीय आधार पर जीवन जीने का अवसर मिलता है।
2022 से 2025 तक ढाई हजार से अधिक नाबालिगों को इस तरह से अमेरिका में प्रवेश करने से रोका गया। इनमें से 1,656 भारतीय नाबालिग थे।
इसके अलावा, अक्टूबर 2024 से फरवरी 2025 तक 77 भारतीय नाबालिगों को अमेरिकी सीमा पर पकड़ा गया। इन बच्चों को जानबूझकर अमेरिका-मैक्सिको या कनाडा सीमा पर छोड़ दिया गया था। वर्ष 2023 में अधिकतम 730 नाबालिगों को ऐसा करने के लिए मजबूर किया जाएगा।
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