नई दिल्ली। पाकिस्तान में लश्कर ए तैयबा आतंकी संगठन का गढ़ माने जाने वाले मुरीदके क्षेत्र का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना के हमले में मारे गए लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकवादी के पिता को भीड़ में मौजूद लोगों से यह कहते देखा जा सकता है कि मेरे दो बेटे शहीद हैं जिसका मुझे फक्र है, मेरे पांच बेटे और हैं। इसके बाद वहां मौजूद भीड़ ने ‘अल जिहाद’, ‘अल जिहाद’ के नारे लगाने लगी। इस वीडियो में हाफिज अब्दुल रऊफ भी नजर आ रहा है। यह वही आतंकी है जिसे कल पाकिस्तान सशस्त्र बल के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने स्थानीय मौलवी बताया था।
बता दें कि हाफिज अब्दुल रऊफ की एक फोटो विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस के दौरान साझा की थी जिसमें वो आतंकियों के जनाजे में शामिल था और उसके पीछे पाकिस्तानी सेना के बड़े अधिकारी, पुलिस विभाग के अफसर भी खड़े थे। इस जनाजे में हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा के लोग भी मौजूद थे। जो कि इस बात का जीता जागता सबूत है कि पाकिस्तान की सेना और वहां की सरकार आतंकियों के साथ हैं। आतंकियों को उनका पूरा संरक्षण प्राप्त है।
हालांकि पाकिस्तान की ओर से दी गई सफाई में उसे आतंकी मानने से इनकार किया गया। पाकिस्तान ने गुमराह करने की कोशिश की। पाकिस्तान का कहना है कि फोटो में जनाजे की नमाज का नेतृत्व कर रहा मामूली मौलवी है। गौरतलब है कि हाफिज अब्दुल रऊफ, जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का भाई है। रऊफ आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए फंडिंग और प्रचार का काम संभालता रहा है। अमेरिका ने उसे विशेष रूप से नामित आतंकवादी घोषित कर रखा है। आतंकी हाफिज अब्दुल रऊफ की फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन के जरिए भी आतंकी फंडिंग में संलिप्तता रही है।
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