नई दिल्ली। राष्ट्रपति और राज्यपाल को विधेयकों पर फैसले लेने के लिए समय सीमा तय किए जाने का केंद्र सरकार ने विरोध किया है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में जवाबी हलफनामा दायर किया है। तमिलनाडु सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने इसी साल अप्रैल में फैसला सुनाते हुए कहा था कि राज्यपालों और राष्ट्रपति को एक निश्चित समय में विधेयकों पर फैसला लेना चाहिए। कोर्ट ने समय सीमा तय करते हुए कहा था कि राष्ट्रपति को तीन महीने और राज्यपाल को एक महीन के अंदर किसी विधेयक पर निर्णय लेना चाहिए।
अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि राष्ट्रपति और राज्यपाल द्वारा समय सीमा का पालन नहीं करने पर सरकार अदालत में अर्जी दाखिल कर सकती है। राष्ट्रपति की तरफ से अनुच्छेद 143 (1) के तहत भेजे गए रेफरेंस पर अब सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की बेंच 19 अगस्त को सुनवाई करेगी। राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट से 14 सवाल किए थे। इससे पहले केंद्र सरकार ने अपना जवाबी हलफनामा दायर किया है। केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा है कि अगर सुप्रीम कोर्ट इस प्रकार से दखल देगा तो इससे संवैधानिक अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
तुषार मेहता ने कहा कि शीर्ष अदालत को आर्टिकल 142 के तहत जो विशेष शक्तियां मिली हुई हैं उसमें भी संविधान संशोधन का अधिकार नहीं है। सरकार की ओर से जवाबी हलफनामे में यह भी कहा गया है कि इस तरह से राज्यपाल जैसे पद की गरिमा को कमतर नहीं किया जा सकता है। अब 19 अगस्त से पांच जजों की बेंच के समक्ष मामले की सुनवाई होगी और दोनों पर पक्षों को अपनी अपनी दलीलें पेश करने के लिए चार चार दिन का समय दिया जाएगा। 10 सितम्बर तक केस की सुनवाई पूरी कर ली जाएगी।
The post Imposing Deadlines On President And Governors : राष्ट्रपति और राज्यपाल को विधेयकों पर फैसले लेने के लिए समय सीमा तय करने का केंद्र सरकार ने किया विरोध appeared first on News Room Post.
You may also like
डेवाल्ड ब्रेविस का तूफ़ानी शो! लगातार 3 'नो-लुक' छक्कों से हिलाया ऑस्ट्रेलिया के इस गेंदबाज का होश; देखिए VIDEO
अगले 7 दिन बरपाएगा मानसून कहर! दिल्ली समेत इन राज्यों में रेड अलर्ट, जानिए कहां होगी झमाझम बारिश
मारुति दे रही है अपनी पॉपुलर कार पर ₹1 लाख तक का कैश डिस्काउंट; जल्दी उठाइए फायदा
रसोई की ये चीजें कभी न करें उधार, वरना आएगी दरिद्रता
एम्मा स्टोन ने एंड्रयू गारफील्ड के साथ काम करने के अनुभव को साझा किया