दुनिया की प्रमुख टेक कंपनी Google एक बार फिर से छंटनी की योजना बना रही है, जिसका प्रभाव भारत में कार्यरत कर्मचारियों पर पड़ने की संभावना है। हैदराबाद और बेंगलुरु स्थित गूगल कार्यालयों में विज्ञापन, बिक्री और मार्केटिंग टीमों पर इसका असर होने की आशंका जताई जा रही है। यह छंटनी गूगल की वैश्विक पुनर्गठन रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है।
हालांकि, गूगल ने अभी तक इस छंटनी की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है और न ही यह बताया गया है कि कितने कर्मचारी प्रभावित होंगे। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अगले सप्ताह से छंटनी की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। इससे पहले, गूगल के Platforms and Devices डिवीजन में हुई छंटनी के कारण कई कर्मचारियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा था।
छंटनी का कारण क्यों हो रही है छंटनी?
गूगल का कहना है कि यह रीस्ट्रक्चरिंग कंपनी को अधिक ऑपरेशनल एफिशिएंसी प्राप्त करने और तेजी से बदलती बिजनेस जरूरतों के साथ तालमेल बिठाने के लिए की जा रही है। पिछले साल, गूगल ने अपने Platforms और Devices टीमों को मर्ज किया था और इसके बाद वॉलंटरी एग्जिट स्कीम भी पेश की गई थी ताकि भविष्य में छंटनी का प्रभाव कम किया जा सके।
इंजीनियरिंग टीम के लिए राहत भारत में इंजीनियरिंग टीम के लिए राहत
भारत में गूगल इंजीनियरिंग टीम के लिए थोड़ा नरम रुख अपनाने जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, सीधे तौर पर इंजीनियरिंग कर्मचारियों को निकाला नहीं जाएगा, बल्कि उन्हें राजस्व उत्पन्न करने वाले प्रोजेक्ट्स में स्थानांतरित किया जाएगा। यह निर्णय कंपनी की रणनीतिक प्राथमिकताओं के अनुरूप लिया गया है ताकि तकनीकी प्रतिभा का अधिकतम उपयोग किया जा सके।
टेक कंपनियों में छंटनी का बढ़ता ट्रेंड टेक कंपनियों में छंटनी का बढ़ता ट्रेंड
गूगल की इस छंटनी की खबर ऐसे समय में आई है जब दुनियाभर में टेक कंपनियों में बड़ी संख्या में कर्मचारियों को निकाला जा रहा है। Layoffs.fyi के आंकड़ों के अनुसार, 2025 की शुरुआत से अब तक 108 कंपनियों से 28,000 से अधिक टेक वर्कर्स की नौकरियां जा चुकी हैं। इस सूची में Google, Meta, Microsoft और Amazon जैसे बड़े नाम शामिल हैं।
Microsoft की भी छंटनी की योजना माइक्रोसॉफ्ट भी कर रहा स्ट्रक्चरिंग
गूगल के अलावा, Microsoft भी मई 2025 में नई छंटनी की योजना बना रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, माइक्रोसॉफ्ट अपने मिडल मैनेजमेंट रोल्स को खत्म करने और इंजीनियर्स की संख्या बढ़ाने की रणनीति पर काम कर रहा है। कंपनी का लक्ष्य है कि इंजीनियर और मैनेजर का अनुपात 5.5:1 से बढ़ाकर 10:1 किया जाए। इसके साथ ही, कम प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को भी कंपनी से बाहर किया जा सकता है।
जनरेटिव AI का प्रभाव जनरेटिव AI के दबाव में बदल रही है रणनीति
Google समेत कई टेक कंपनियां जनरेटिव AI के तेजी से बढ़ते प्रभाव और बिजनेस प्राथमिकताओं में बदलाव के चलते अपने खर्च को दोबारा निर्धारित कर रही हैं। इसी कारण कंपनियां टीम कंसोलिडेशन, परफॉर्मेंस-बेस्ड एवाल्युएशन और कॉस्ट-कटिंग जैसे उपायों को अपना रही हैं।
भारत में पहले भी हुई थी छंटनी पहले भी भारत में हुई थी छंटनी
यह पहली बार नहीं है जब गूगल ने भारत में कर्मचारियों को प्रभावित किया हो। 2023 में कंपनी ने दुनियाभर में 12,000 कर्मचारियों को निकाला था, जिसमें भारत के कई विभाग भी शामिल थे। हालांकि, इस बार की छंटनी ज्यादा लक्षित मानी जा रही है, जिसमें खासकर विज्ञापन और मार्केटिंग टीमों को रीअलाइन किया जा रहा है।
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