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बिहार की परिवहन योजनाओं से 45,800 लोगों को रोजगार, गांवों में स्वरोजगार को मिला बढ़ावा

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पटना – बिहार सरकार ने ग्रामीण और प्रखंड स्तर की परिवहन व्यवस्था को सशक्त बनाते हुए हजारों युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने का एक प्रभावशाली कदम उठाया है। मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना (MGPY) और मुख्यमंत्री प्रखंड परिवहन योजना (MPPY) के तहत अब तक 45,800 लोगों का चयन किया गया है, जिन्हें व्यवसायिक वाहन खरीदने के लिए अनुदान प्रदान किया गया है।

गांवों को जिलों से जोड़ने की मुहिम

इन योजनाओं की शुरुआत का उद्देश्य सुदूर गांवों और पंचायतों को बेहतर परिवहन सुविधाओं से जोड़ना है, जिससे ग्रामीणों को शहरों और जिला मुख्यालयों तक पहुंचने में आसानी हो। सरकार द्वारा दी जा रही वाहन खरीद अनुदान सहायता ने युवाओं के लिए स्वरोजगार के नए रास्ते खोल दिए हैं।

45,467 लाभार्थी हो चुके हैं रोजगार से जुड़ाव

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के अंतर्गत अब तक 45,467 युवाओं को 4 से 10 सीटर यात्री वाहन खरीदने के लिए सब्सिडी दी जा चुकी है। इससे गांव से जिला मुख्यालय तक कनेक्टिविटी बढ़ी है और स्थानीय स्तर पर रोजगार का अवसर भी बना है।

प्रखंड स्तर पर 3,357 को बस खरीदने का मौका

मुख्यमंत्री प्रखंड परिवहन योजना के तहत 3,357 लोगों का चयन बस खरीदने के लिए किया गया है। इनमें से 191 लोगों ने बस खरीद ली है और 162 लोगों को अब तक ₹8.10 करोड़ का अनुदान मिल चुका है।

एक साथ दो समस्याओं का समाधान

परिवहन मंत्री शीला कुमारी ने कहा कि जब गांवों में परिवहन मजबूत होता है, तो शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यापार के क्षेत्र में भी सुधार होता है। इन योजनाओं ने एक साथ बेरोजगारी और परिवहन की समस्याओं का समाधान किया है।

आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूत कदम

परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि ये योजनाएं युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं। अब पूरी प्रक्रिया डिजिटल, पारदर्शी और समयबद्ध बनाई गई है जिससे योजना का लाभ वास्तविक जरूरतमंदों को मिल सके।

अनुदान की मुख्य बातें
  • मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना: हर पंचायत में 7 लाभार्थियों को अधिकतम ₹1 लाख या 50% तक की सब्सिडी दी जाती है।
  • मुख्यमंत्री प्रखंड परिवहन योजना: हर प्रखंड में 7 लाभार्थियों को प्रत्येक को ₹5 लाख की सब्सिडी बस खरीद के लिए दी जाती है।

बिहार सरकार की ये योजनाएं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बेहद कारगर साबित हो रही हैं। जैसे-जैसे कनेक्टिविटी बढ़ रही है, वैसे-वैसे लोगों का जीवन स्तर भी ऊपर उठ रहा है। यह पहल न सिर्फ रोजगार सृजन कर रही है, बल्कि राज्य को समग्र विकास की ओर भी अग्रसर कर रही है।

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