इंटरनेट डेस्क। हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का बहुत बड़ा महत्व है। 16 दिनों में पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण आदि किया जाता है, यह समय पूर्वजों के प्रति सम्मान प्रकट करने का होता है। इन दिनों में श्राद्ध में ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है। मान्यता है कि श्राद्ध के दौरान किसी ब्राह्मण को कराया गया भोजन सीधे पितरों तक पहुंचता है। श्राद्ध के दौरान किसी ब्राह्मण को अपने घर में आमंत्रित करने से लेकर भोजन कराकर विदा करने तक के लिए कुछ नियम बताए गए हैं।
धर्म-कर्म करने वालों को बुलाएं
पितृपक्ष में यदि आप किसी ब्राह्मण को भोजन कराने जा रहे हैं तो आपको हमेशा धर्म-कर्म का पालन करने वाले योग्य ब्राह्मण को ही भोजन करवाना चाहिए।
खिलाएं ये चीजें
श्राद्ध में ब्राह्मण को खिलाने के लिए वही चीजें खाने में बनाएं जो आपके पितरों या फिर आपके घर से जुड़े दिवंगत व्यक्ति को पसंद हुआ करती थी। मान्यता है कि जब आप अपने पितरों की रुचि के अनुसार भोजन बनाकर ब्राह्मण को खिलाते हैं तो उनकी आत्मा तृप्त होती है।
दोपहर में करें श्राद्ध
पितृपक्ष में पितरों के लिए निमित्त के लिए श्राद्ध हमेशा दोपहर के समय किया जाता है, इसलिए ब्राह्मण को भोजन के लिए दोपहर के लिए ही आमंत्रित करें।
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