इंटरनेट डेस्क। प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत के रूप में जाना जाता है। यह उपवास परिवार की सुख-समृद्धि, बरकत और संतान प्राप्ति के लिए रखा जाता है। इस दिन महादेव का पूजन किया जाता है। यदि इस दिन व्रत के साथ-साथ शिव जी का रुद्राभिषेक किया जाए, तो व्यक्ति को समस्त दोषों से मुक्ति मिलती हैं। ऐसे में अभी ज्येष्ठ माह जारी है और इस महीने में 24 मई 2025 को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। तो आज बताते हैं की आप पूजा के दौरान इन मंत्रों का जाप जरूर करें।
सुख और शांति प्राप्त करने का मंत्र
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात!
भगवान शिव के प्रभावशाली मंत्र
ओम साधो जातये नम।। ओम वाम देवाय नमरू।।
ओम अघोराय नमरू।। ओम तत्पुरूषाय नमरू।।
ओम ईशानाय नमरू।। ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।।
महामृत्युंजय मंत्र
ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।।
शिव गायत्री मंत्र
ॐ तत्पुरुषाय विदमहे, महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्ररू प्रचोदयात
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