इंटरनेट डेस्क। राजस्थान के जैसलमेर से जोधपुर जा रही स्लीपर कोच बस में मंगलवार को आग लगने से 20 लोगों की जलकर मौत हो गई, वहीं 15 लोग बुरी तरह से सुलझ गए है। इस भयानक बस अग्निकांड ने एक पूरे परिवार को उजाड़ दिया है, हादसे में जान गंवाने वालों में भारतीय सेना के जवान महेंद्र मेघवाल भी शामिल हैं, जो दिवाली की छुट्टियों पर अपने परिवार के साथ घर लौट रहे थे, 35 वर्षीय महेंद्र मेघवाल सेना के आयुध डिपो में तैनात थे और अपनी पत्नी पार्वती, दो बेटियों और एक बेटे के साथ डेचू के पास स्थित लवारन गांव जा रहे थे।

बुरी तरह से झुलस गए शव
इस बस अग्निकांड की भयावहता ऐसी थी कि शव पूरी तरह जलकर खाक हो गए हैं और उनकी पहचान करना लगभग असंभव है, ऐसे में, महेंद्र मेघवाल और उनके परिवार की पहचान भी अब डीएनए सैंपलिंग के जरिए ही हो सकेगी, दुख की इस घड़ी में, महेंद्र की पत्नी पार्वती के भाई डीएनए सैंपल देने के लिए जोधपुर स्थित मोर्चरी पहुंचे है। वहीं, दूसरी ओर, मृतक महेंद्र की माताजी को जोधपुर लाया जा रहा है ताकि उनके भी डीएनए सैंपल लिए जा सकें।

एक परिवार पूरा खत्म
जैसलमेर से जोधपुर के बीच चल रही के.के. ट्रैवल्स की जिस बस में यह हादसा हुआ, उसमें कुल 20 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 15 लोग गंभीर रूप से घायल हैं और उनका इलाज जोधपुर के अस्पतालों में चल रहा है, लेकिन महेंद्र मेघवाल के परिवार की कहानी इस त्रासदी का सबसे दर्दनाक अध्याय है। इस हादसे में महेंद्र मेघवाल का पूरा परिवार समाप्त हो गया।
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