अजमेर के गौतम नगर निवासी हरीश कुमार ने रेलवे अस्पताल के बाल चिकित्सा वार्ड में घोर लापरवाही का आरोप लगाया है। हरीश ने बताया कि उन्होंने अपनी साढ़े तीन साल की बेटी को बुखार आने पर 7 अप्रैल को रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया था। इलाज के दौरान अस्पताल के डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ ने उनकी बेटी को ग्लूकोज ड्रिप लगाई, जिसकी एक्सपायरी डेट मार्च 2025 है।
"नर्सिंग स्टाफ को धमकाया गया"
हरीश का कहना है कि जब उन्होंने ड्रिप की एक्सपायरी डेट देखी और स्टाफ को इसकी जानकारी दी तो पहले तो स्टाफ ने उनकी बात को नजरअंदाज कर दिया, लेकिन बाद में अपनी गलती मान ली। आरोप है कि इसके बाद अस्पताल स्टाफ ने कहा कि गलती हो गई है, अब जो करना है कर लो। हरीश ने इस पूरे मामले को लेकर सीएमओ को लिखित शिकायत भी दी, जहां से उन्हें जवाब मिला कि चिंता की कोई बात नहीं है।
खाना खाने के तुरंत बाद उसे उल्टी आ जाती है।
हरीश का आरोप है कि अगर उनकी बेटी की हालत बिगड़ती है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी रेलवे अस्पताल प्रशासन की होगी। फिलहाल लड़की की हालत स्थिर बताई जा रही है, लेकिन खाना खाने के तुरंत बाद उसे उल्टी हो जाती है, जिससे परिवार चिंतित है। हरीश ने मांग की है कि अस्पताल प्रशासन लिखित आश्वासन दे कि उनकी बेटी को अगले तीन महीने तक इस लापरवाही के कारण कोई स्वास्थ्य संबंधी नुकसान नहीं होगा। भविष्य में यदि कोई समस्या उत्पन्न होती है तो उसके लिए रेलवे अस्पताल पूर्ण रूप से जिम्मेदार होगा।
जांच का आदेश
इस मामले में रेलवे के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक अरुण कुमार का कहना है कि नर्सिंग अधिकारी को मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
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