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अफगानी मंत्री की PC में महिला पत्रकारों को एंट्री ना मिलने पर भड़की प्रियंका गांधी, केंद्र सरकार पर साधा निशाना

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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया है कि तालिबान के एक प्रतिनिधि के भारत दौरे के दौरान महिला पत्रकारों को प्रेस कॉन्फ्रेंस से बाहर क्यों रखा गया। उन्होंने एक्स पर एक ट्वीट में पूछा, "अगर सरकार द्वारा महिलाओं के अधिकारों को मान्यता देना सिर्फ़ चुनावी फ़ायदे के लिए नहीं है, तो भारत की सबसे सक्षम महिलाओं का यह अनादर कैसे होने दिया गया?" प्रियंका ने याद दिलाया कि भारतीय महिलाएँ देश की रीढ़ और गौरव हैं।प्रधानमंत्री जी, तालिबान प्रतिनिधि की प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को बाहर रखने पर अपनी स्थिति स्पष्ट करें। महिलाओं के अधिकार सिर्फ़ चुनावी पोस्टरबाजी तक सीमित नहीं हैं।"


राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने क्या कहा?

राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने कहा कि यह कदम न केवल भारत की नैतिक और कूटनीतिक स्थिति को प्रभावित करता है, बल्कि प्रेस की स्वतंत्रता, लैंगिक न्याय और समानता के प्रति भारत की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता पर भी एक गंभीर आघात है।मनोज कुमार झा ने कहा, "यह सिर्फ़ एक औपचारिक चूक नहीं है, बल्कि समानता और महिलाओं की भागीदारी के प्रति भारत की दीर्घकालिक प्रतिबद्धताओं के साथ एक प्रतीकात्मक समझौता है।" यह घटना दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक शक्ति और महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने वाले देश के लिए निराशाजनक और राजनीतिक रूप से अंध है।" उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के कदम से भारतीय महिलाओं और वैश्विक समुदाय को गलत संदेश जाता है कि सिद्धांतों की बजाय सुविधा और तात्कालिक लाभ को प्राथमिकता दी जा सकती है।

क्या था मामला?

गौरतलब है कि शुक्रवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसी भी महिला पत्रकार को शामिल होने की अनुमति नहीं थी, जिसके बाद सोशल मीडिया पर तालिबान की नीति की कड़ी आलोचना हुई। कई पत्रकारों और सोशल मीडिया यूजर्स ने इस मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त की।

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