रांची, 07 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . राज्यपाल-सह-Jharkhand के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति संतोष कुमार गंगवार ने Monday को रांची विश्वविद्यालय (आरयू) के भूगोल विभाग की ओर से आयोजित तीन दिवसीय 9वीं एनएजीआई अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया. सम्मेलन का विषय था पृथ्वी का सतत भविष्य: संसाधनों के उपयोग एवं प्रबंधन की उभरती चुनौतियां.
आर्यभट्ट सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में राज्यपाल ने कहा कि यह विषय केवल शैक्षणिक नहीं बल्कि मानवता के भविष्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि आज की सबसे बड़ी चुनौती प्राकृतिक संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग और संरक्षण की है.
राज्यपाल ने कहा कि वैश्वीकरण, औद्योगिकीकरण और नगरीकरण ने जहां आर्थिक अवसर बढ़ाए हैं. वहीं संसाधनों के अंधाधुंध दोहन, प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग जैसी गंभीर समस्याएं भी पैदा की हैं. उन्होंने कहा कि संसाधनों का संरक्षण सिर्फ बचत नहीं, बल्कि उन्हें पुनर्जीवित करने और संतुलित रूप से उपयोग करने की प्रक्रिया है, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी उनका लाभ उठा सकें.
उन्होंने Jharkhand की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह वीरों की भूमि है, जहां धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा सहित कई महान हस्तियों ने मातृभूमि के लिए बलिदान दिया. राज्यपाल ने कहा कि जनजातीय समाज की प्रकृति-आधारित जीवनशैली सतत विकास का उत्कृष्ट उदाहरण है. उन्होंने प्रसन्नता जताई कि Jharkhand का लगभग 30 प्रतिशत क्षेत्रफल आज भी वनाच्छादित है.
अंत में राज्यपाल ने विश्वास जताया कि इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन से वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं के विचार-विमर्श से ठोस सुझाव और कार्ययोजनाएं निकलेंगी, जो नीति-निर्माताओं और योजनाकारों के लिए मार्गदर्शक सिद्ध होंगी.
उन्होंने सम्मेलन की सफलता की शुभकामनाएं दीं और कहा कि यह आयोजन पर्यावरणीय संतुलन और सतत विकास की दिशा में ठोस संकल्प के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देगा.
विकास और संसाधनों के संतुलित उपयोग की दिशा में ठोस पहल की जरूरत : मंत्री
मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि वर्तमान समय में सतत विकास और संसाधनों के संतुलित उपयोग की दिशा में ठोस पहल आवश्यक है. उन्होंने कहा कि पृथ्वी के सीमित संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग ही आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित भविष्य की कुंजी है. मौके पर मंत्री ने रांची विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग और नेशनल एसोसिएशन ऑफ जियोग्राफर्स, इंडिया (एनएजीआई) की टीम को इस सार्थक आयोजन के लिए बधाई दी. और इसे समय की आवश्यकता बताया.
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति, प्राध्यापक, शोधार्थी एवं विभिन्न विश्वविद्यालयों से आए प्रतिनिधि मौजूद थे.
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(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे
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