लखनऊ, 07 सितम्बर (Udaipur Kiran) । प्रदेश की राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा और मार्गदर्शन में रविवार को राजभवन, लखनऊ में राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क-2025 में उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालयों द्वारा प्राप्त उत्कृष्ट रैंकिंग के उपलक्ष्य में संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। राज्यपाल ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों की उपलब्धियों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सभी कुलपतियों, शिक्षकों और विद्यार्थियों को हार्दिक बधाई दी।
राज्यपाल ने कहा कि प्रतियोगिताएं और गतिविधियां ही छुपी हुई प्रतिभाओं व कौशल को सामने लाती हैं और इन्हीं से नवाचार के अवसर उत्पन्न होते हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि आज के युवा 21वीं सदी के युवा हैं, जिनके पास नए-नए विचार हैं। इसलिए विश्वविद्यालयों में ऐसे कार्यक्रम आयोजित हों, जहाँ प्रत्येक को अपनी क्षमता प्रदर्शित करने का अवसर मिले।
उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि शैक्षणिक गुणवत्ता, अनुसंधान कार्यों, नवाचार और सभी के परिश्रम व समर्पण का सजीव प्रमाण है। यह प्रदर्शन न केवल प्रदेश के शैक्षिक परिदृश्य को नई ऊँचाइयाँ प्रदान करता है, बल्कि विश्वविद्यालयों की प्रतिष्ठा को बढ़ाता है और विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व अनुसंधान के लिए प्रोत्साहित करता है।
राज्यपाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज की दुनिया तेजी से बदल रही है और हर क्षेत्र में नवाचार नई संभावनाएं खोल रहा है। विश्वविद्यालयों को उपलब्ध संसाधनों का आपसी सहयोग से उपयोग कर निरंतर आगे बढ़ना होगा। इस शैक्षणिक यात्रा को रुकने नहीं देना है, बल्कि सतत गतिशील रखते हुए प्रगति के नए शिखर छूते रहना है।
उन्होंने विश्वविद्यालयों में विविध गतिविधियों के आयोजन पर विशेष बल दिया। इसी संदर्भ में उन्होंने राजभवन में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम का उल्लेख किया, जहां प्रतिभागियों ने उत्कृष्ट कौशल का प्रदर्शन किया था। उन्होंने बताया कि वर्तमान में राजभवन में 22 बच्चों को बांसुरी वादन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है और उन्हें 26 जनवरी की परेड में प्रस्तुति हेतु तैयार किया जा रहा है। इसी प्रकार विश्वविद्यालयों को भी कौशल और नवाचार की दिशा में नए प्रयोग करने चाहिए।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके यहां से शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थी आगे कहां गए, उन्होंने कौन-सा रोजगार या नवाचार शुरू किया और कितने लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया। विश्वविद्यालयों को ऐसे आँकड़े नियमित रूप से एकत्रित करने चाहिए, क्योंकि विद्यार्थियों की उपलब्धियाँ ही विश्वविद्यालय की वास्तविक पहचान हैं।
अखिल भारतीय विश्वविद्यालय रैंकिंग श्रेणी में मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर को 68वां, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ को 98वां तथा दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर को 151 से 200 बैंड में स्थान मिला। राज्य विश्वविद्यालय श्रेणी में मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर को 23वां, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ को 27वां, किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय, लखनऊ को 29वां, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ को 41वां स्थान प्राप्त हुआ, जबकि हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय, कानपुर, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय तथा डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा ने 51 से 100 बैंड में स्थान बनाया।
प्राविधिक श्रेणी में मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर को 60वां स्थान और हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय, कानपुर को 201 से 300 बैंड में स्थान मिला। मैनेजमेंट श्रेणी में मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर को 83वां तथा लखनऊ विश्वविद्यालय को 100वां स्थान प्राप्त हुआ। आर्किटेक्चर श्रेणी में डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ की फैकल्टी ऑफ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग को 39वां स्थान मिला।
ओवरऑल श्रेणी में किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय, लखनऊ को 83वां तथा मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर को 99वां स्थान प्राप्त हुआ। विधि श्रेणी में लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ को 29वां स्थान प्राप्त हुआ। चिकित्सा विश्वविद्यालय श्रेणी में संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ को 5वां तथा किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय, लखनऊ को 8वां स्थान प्राप्त हुआ। फार्मेसी श्रेणी में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी को 68वां तथा महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली को 86वां स्थान प्राप्त हुआ।
इस अवसर पर प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, कुलसचिव, अध्यापक सहित अन्य महानुभाव उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / बृजनंदन
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