लखनऊ, 28 मई . इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2025 के आखिरी लीग मुकाबले में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के खिलाफ 61 गेंदों पर नाबाद 118 रन की विस्फोटक पारी खेलने वाले ऋषभ पंत ने कहा कि इस बार वह शुरुआत को बड़े स्कोर में बदलने पर फोकस कर रहे थे, जो वह पिछले मैचों में नहीं कर पाए थे. हालांकि, उनकी इस शानदार पारी के बावजूद लखनऊ सुपर जायंट्स (एलएसजी) को 227 रन बनाने के बाद भी हार का सामना करना पड़ा. पंत ने इस हार पर कहा, हम 40 ओवर अच्छी क्रिकेट नहीं खेल पाए.
मैच के बाद प्रेजेंटेशन में पंत ने कहा, हर मैच के साथ मैं अच्छा महसूस कर रहा था, लेकिन कई बार चीजें आपके मुताबिक नहीं होतीं. आज मैंने ठान लिया था कि अगर शुरुआत मिलती है तो उसे बड़े स्कोर में बदलना है, जैसे अनुभवी खिलाड़ी करते हैं. सबसे अच्छे खिलाड़ियों से यही सीखा है कि जब मौका मिले तो उसे भुनाओ.
पंत का यह सीजन बल्ले से बेहद फीका रहा था. इस मुकाबले से पहले वह 12 पारियों में सिर्फ 151 रन ही बना पाए थे. उन्होंने बताया कि इस मैच में उन्होंने सीधा खेलने और गैप्स तलाशने की रणनीति अपनाई, जो पहले काम नहीं कर पा रहे थे.
उन्होंने कहा, मैंने सोचा कि गेंदबाज किस एंगल से गेंदबाजी करेंगे और उसी के मुताबिक खुद को ढालने की कोशिश की. सीधा खेलना, गैप्स देखना, सब कुछ सिंपल रखा और हर गेंद को एक जैसी गंभीरता से खेला.
गेंदबाजी में अनुभव की कमी ने लखनऊ को किया परेशान
एलएसजी की गेंदबाजी इस मैच में खास असर नहीं छोड़ पाई. विल ओ’रूर्क और शाहबाज अहमद ने मिलकर सिर्फ 7 ओवरों में 113 रन लुटा दिए. वहीं फील्डिंग में चूक और दिग्वेश राठी की बैकफुट नो-बॉल, जिस पर प्लेयर ऑफ द मैच जितेश शर्मा को जीवनदान मिला, टीम की हार का कारण बनी.
पंत ने कहा,टी20 में सिर्फ 20 ओवर अच्छा खेलना काफी नहीं है. 40 ओवर पूरे मैच में अच्छा खेलना होता है और यही हमारी कहानी रही है. टूर्नामेंट से पहले कई खिलाड़ियों की चोटें थीं, जिसका असर पूरे सीजन में दिखा.
कुछ गेंदबाजों का प्रदर्शन रहा सराहनीय
एलएसजी ने इस सीजन 14 में से 6 मुकाबले जीतकर अंक तालिका में सातवां स्थान प्राप्त किया. हालांकि, पंत ने कुछ सकारात्मक पहलुओं की ओर भी इशारा किया.
उन्होंने कहा, कुछ खास गेंदबाजी प्रदर्शन भी हुए हैं. दिग्वेश राठी का प्रदर्शन सराहनीय रहा, आवेश खान ने भी अहम ओवर फेंके. आकाश सिंह और आकाश दीप ने भी अच्छा किया. हमें मौके मिलते रहे, लेकिन हम उन्हें लंबे समय तक बरकरार नहीं रख पाए और यही हार की वजह बनी.
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दुबे
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