-तैैयारियों का जायजा लेने के लिए मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और डीसी के साथ मुख्यमंत्री ने की वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक
-‘एति कोली दुति पात’ योजना के क्रियान्वयन की भी समीक्षा
गुवाहाटी, 30 मई . मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने आज लोक सेवा भवन में राज्य के मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और डीसी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए समीक्षा बैठक की, जिसमें आसन्न बाढ़ के मौसम से निपटने के लिए राज्य की तैयारियों का जायजा लिया गया.
डीसी को संबोधित करते हुए डॉ. सरमा ने याद दिलाया कि असम में पिछले साल जून के पहले सप्ताह से बाढ़ की तीन लहरें आई थीं. इस साल भी ऐसी ही चुनौतियों की आशंका को देखते हुए उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने सक्रिय रूप से कई प्रारंभिक उपाय शुरू किए हैं, जिसमें प्रभावित होने वाले जिलों को बजटीय आवंटन की अग्रिम राशि जारी करना शामिल है. हाल ही में सह-जिलों के निर्माण पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासनिक तंत्र को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त मानव संसाधन तैनात किए गए हैं. उन्होंने डीसी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि तटबंध टूटने की स्थिति में सभी बाढ़ प्रभावित व्यक्तियों को तत्काल राहत दी जाए.
इसके अलावा, उन्होंने संभावित टूट-फूट के बारे में ग्रामीणों से समय पर संवाद करने के महत्व को रेखांकित किया और संबंधित विभागों को कमजोर तटबंधों को मजबूत करने के लिए जियो-बैग और अन्य आवश्यक सामग्री तैनात करके तेजी से प्रतिक्रिया करने का निर्देश दिया. इस संबंध में डॉ. सरमा ने डीसी से राहत सामग्री के वितरण के समन्वय के लिए जल संसाधन विभाग के साथ बैठकें करने का आग्रह किया. उन्होंने न केवल सहायता पहुंचाने बल्कि सतर्क रखरखाव और सुदृढ़ीकरण के माध्यम से तटबंधों की संरचनात्मक अखंडता सुनिश्चित करने के दोहरे महत्व पर जोर दिया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर तटबंध टूटने की पूरी जांच की जाएगी ताकि कारणों का पता लगाया जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके. उन्होंने स्वच्छ पेयजल, आवश्यक खाद्य आपूर्ति, पशुओं के चारे और अन्य राहत सामग्री की अग्रिम व्यवस्था करने की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि बाढ़ प्रभावित समुदायों को तुरंत सहायता प्रदान की जा सके. इस महत्वपूर्ण अवधि के दौरान, उन्होंने सभी डीसी को मुख्य सचिव और राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव के साथ घनिष्ठ समन्वय बनाए रखने की सलाह दी.
डॉ. सरमा ने असम के चाय उद्योग के द्विशताब्दी समारोह के हिस्से के रूप में शुरू की गई एक नई कल्याणकारी योजना – ‘एति कोली दुति पात’ (एक कली के दो पात) के कार्यान्वयन पर भी विचार-विमर्श किया. उल्लेखनीय है कि इस पहल के तहत, राज्य भर में पंजीकृत चाय बागानों के सभी स्थायी और अस्थायी श्रमिकों के साथ-साथ कर्मचारियों को 5,000 रुपये की एकमुश्त वित्तीय सहायता दी जाएगी. चाय बागान अधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के आधार पर, इस योजना से 840 पंजीकृत चाय बागानों के 3,82,660 स्थायी श्रमिकों, 3,03,885 अस्थायी श्रमिकों और 26,768 कर्मचारियों को लाभ मिलेगा. सीएम ने सभी डीसी को इस योजना के कार्यान्वयन को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि लाभ प्रक्रियात्मक देरी के बिना इच्छित लाभार्थियों तक पहुंचे.
बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. सरमा के साथ सिंचाई मंत्री अशोक सिंघल, विधायक संजय किशन, मुख्य सचिव डॉ. रवि कोटा, सांस्कृतिक मामलों के विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव बी. कल्याण चक्रवर्ती, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव जीडी त्रिपाठी, वित्त विभाग के आयुक्त एवं सचिव जयंत नार्लीकर सहित संबंधित विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
/ अरविन्द राय
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