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डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड: ₹23.56 लाख की ठगी में एक और आरोपी गिरफ्तार, नाबालिग निरूद्ध

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जयपुर, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran News). Rajasthan पुलिस की साइबर थाना टीम ने डिजिटल अरेस्ट के नाम पर लोगों को डराकर ठगी करने वाले संगठित साइबर गिरोह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. पुलिस ने 75 वर्षीय बुजुर्ग से ₹23 लाख 56 हजार की साइबर ठगी करने वाले गिरोह के एक और सक्रिय सदस्य अनिल कुमार कुमावत को गिरफ्तार किया है, जबकि एक नाबालिग को निरूद्ध किया गया है.

यह कार्रवाई उप महानिरीक्षक पुलिस विकास शर्मा के निर्देशन और Superintendent of Police साइबर क्राइम शान्तनु कुमार के सुपरविजन में की गई.

फर्जी पुलिस बनकर बुजुर्ग से ठगे लाखों रुपए
डीआईजी शर्मा ने बताया कि 27 मई को जयपुर निवासी 75 वर्षीय बुजुर्ग को कुछ व्यक्तियों ने फर्जी पुलिस और सीबीआई अधिकारी बनकर फोन किया. उन्होंने पीड़ित को “डिजिटल अरेस्ट” करने की धमकी दी और डर का माहौल बनाकर उनसे ₹23,56,000 की ठगी कर ली. इस मामले में पुलिस पहले ही सुरेश कुमार, प्रहलाद कुमावत, ओमप्रकाश, भूपेश, वशुल सन्नी कुमार, रेहान मकन्दर, रितेश शर्मा और कमलेश कुमार सेरावत को गिरफ्तार कर चुकी है.

कमीशन के लिए पत्नी का खाता दिया था ठगों को
गिरफ्तार आरोपी अनिल कुमार कुमावत (28) निवासी नया बास, रेनवाल (जयपुर ग्रामीण) इस गिरोह के लिए लाभान्वित खाताधारक के रूप में काम करता था. जांच में सामने आया कि ठगी की कुल राशि ₹23.56 लाख में से ₹63,657 रुपए अनिल कुमावत की पत्नी के बैंक खाते में जमा हुए थे. आगे की जांच में यह भी पता चला कि उसकी पत्नी के खाते में अन्य पीड़ितों की करीब ₹12.50 लाख की ठगी की राशि भी आई थी.

अनिल कुमावत ने पूछताछ में स्वीकार किया कि उसने अपनी पत्नी का बैंक खाता ऑनलाइन खुलवाकर साइबर ठगों को उपलब्ध कराया था. यह राशि खातों में आने के बाद वह निकालकर ठगों को सौंपता था और इसके बदले कमीशन लेता था.

चार राज्यों से जुड़ा साइबर नेटवर्क
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी की पत्नी के बैंक खाते में चार अलग-अलग राज्यों से साइबर ठगी के ट्रांजेक्शन दर्ज हैं. पुलिस ने आरोपी को गुरुवार को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है. गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश और जांच जारी है.

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