पालमपुर, 24 अप्रैल . पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शांता कुमार ने पहलगाम में हुई दर्दनाक आतंकी घटना को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि यह घटना न केवल पूरे देश को झकझोरने वाली है बल्कि सुरक्षा व्यवस्था और खुफिया तंत्र की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है.
शांता कुमार ने वीरवार काे एक बयान में एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि सुरक्षा एजेंसियों को पहले से सूचना थी कि कश्मीर घाटी में लगभग 60 आतंकवादी सक्रिय हैं. इसके बावजूद, इतनी बड़ी चूक होना बेहद चौंकाने वाला है. उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं तब तक नहीं रुकेंगी जब तक आतंकवादियों को स्थानीय स्तर पर सहयोग मिलता रहेगा.
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि विदेशी आतंकियों की घुसपैठ और गतिविधियां स्थानीय देशद्रोही तत्वों के समर्थन के बिना संभव नहीं हैं. उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह घाटी को पूरी तरह सेना के हवाले करे, घर-घर तलाशी अभियान चलाए और जो भी आतंकवादियों की सहायता करते पाए जाएं, उन पर देशद्रोह का मुकदमा चलाकर फांसी की सजा दी जाए.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के पास एक मजबूत सेना और व्यापक सुरक्षा एजेंसियां हैं, फिर भी घाटी को आतंकमुक्त नहीं कर पाना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही में रियासी और बांदीपुर से चार विदेशी आतंकवादी पकड़े गए थे, जिनके पास भारी मात्रा में हथियार और अन्य संवेदनशील जानकारियां मिली थीं.
उन्होंने सरकार से यह जानने की मांग की कि जब खुफिया एजेंसियों के पास पहले से जानकारी थी तो ऐसी त्रासदी को रोका क्यों नहीं गया? उन्होंने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताया और कहा कि अब वक्त आ गया है कि कठोर निर्णय लेकर घाटी को देशद्रोही तत्वों से मुक्त किया जाए.
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/ उज्जवल शर्मा
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