गुवाहाटी, 11 अप्रैल . असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने शुक्रवार को एचएसएलसी 2025 परीक्षा के सफल आयोजन और समयबद्ध परिणाम घोषित करने को राज्य की शिक्षा व्यवस्था का ऐतिहासिक क्षण बताया. यह पहली बार था, जब असम राज्य शिक्षा बोर्ड (एएसएसईबी) ने परीक्षा आयोजित की और महज़ 37 दिनों में परिणाम घोषित कर एक नया मानक स्थापित किया.
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए इसे समयबद्धता और पारदर्शिता की मिसाल बताते हुए कहा कि 15 फरवरी से 3 मार्च, 2025 के बीच आयोजित परीक्षा के नतीजे 11 अप्रैल को घोषित किए गए. यह तेज़ और पारदर्शी प्रक्रिया असम की परीक्षा प्रणाली में प्रशासनिक सुधार का प्रमाण है.
उन्होंने कांसेप्ट बेस्ड मूल्यांकन की बात कहते हुए इसे रटने की परंपरा से आगे बताया. उन्होंने कहा कि इस बार का प्रश्नपत्र पूरी तरह से कॉन्सेप्ट और नॉलेज बेस्ड था, जिससे रटने की पुरानी प्रणाली को पीछे छोड़ते हुए विद्यार्थियों की वास्तविक समझ को परखा गया. इसके बावजूद कुल उत्तीर्ण प्रतिशत 63.98 फीसदी रहा, जो छात्रों और शिक्षकों की नई प्रणाली के प्रति अनुकूलन क्षमता को दर्शाता है.
मुख्यमंत्री ने इसे सामाजिक समावेशन की दिशा में क्रांतिकारी कदम बताया.
मैदानी क्षेत्रों के अनुसूचित जनजाति (एसटी – प्लेन) 71.32 फीसदी पास प्रतिशत के साथ सामान्य वर्ग (63.45 फीसदी) से बेहतर प्रदर्शन किया.
पहाड़ी क्षेत्रों के एसटी छात्र 65.86 फीसदी पास प्रतिशत के साथ ऐतिहासिक चुनौतियों के बावजूद उल्लेखनीय सफलता हासिल की.
ओबीसी: 69.64 फीसदी तथा एमबीसी ने 70.78 फीसदी सफलता हासिल की है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि सरकारी सहायता योजनाएं और शैक्षणिक समर्थन असर दिखा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि चाय जनजाति के छात्रों ने
51.89 फीसदी पास प्रतिशत के साथ पहली बार 50 की सीमा पार कर ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की. उन्होंने कहा कि मेरिट सूची में प्रतिभा की चमक रही.
टॉपर: अमीषी सैकिया, प्रज्ञा अकादमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, जोरहाट – 591 अंक (98.50 फीसदी)
शीर्ष 3 रैंक 98.17 फीसदी से 98.50 फीसदी के बीच है, यह राज्य के बढ़ते शैक्षणिक स्तर का संकेत है. मुख्यमंत्री ने इसे शिक्षा में नवदृष्टि और न्याय की दिशा में कदम बताया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांसेप्ट आधारित मूल्यांकन पद्धति से शिक्षा प्रणाली को राष्ट्रीय और वैश्विक मानकों के अनुरूप ढालने की दिशा में असम ने महत्वपूर्ण पहल की है. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ़ परीक्षा परिणाम नहीं, बल्कि असम के लिए एक नई शैक्षणिक दृष्टि और सामाजिक न्याय का प्रतीक है.
/ श्रीप्रकाश
You may also like
मेरठ में रैपिड रेल परियोजना के लिए मस्जिद हटाने का कार्य शुरू
रॉबर्ट वाड्रा को ED से नया समन, राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप
रोना इंसान के लिए है बेहद जरूरी, मन होगा हल्का और मिलेंगे ये जादुई फायदे
iPhone 16e Price War: Amazon vs Flipkart – Where Can You Save More?
Video viral: दूल्हा दुल्हन मना रहे थे सुहागरात, लेकिन कमरे में पहले से ही था कोई और भी मौजूद, जब पड़ी नजर तो रह गए.....वीडियो हो रहा....