– जंगल सफारी से रिवर राफ्टिंग तक – बच्चों ने किया मध्य प्रदेश का वर्चुअल सफर
भोपाल, 3 मई . मध्य प्रदेश इतिहास, संस्कृति, अध्यात्म और वन्यजीव का अद्भुत मिश्रण है. प्रदेश की वैभवशाली विरासत, वन्यजीव और समृद्ध संस्कृति को रोचक और आकर्षक रूप में किडजानिया के माध्यम से भावी पीढ़ी तक पहुंचाया जायेगा. यह कहना रहा शनिवार को प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति एवं प्रबंध संचालक, एमपी टूरिज्म बोर्ड, शिव शेखर शुक्ला का. वे किडजानिया मुंबई में एमपी टूरिज्म एक्सपीरियंस सेंटर के शुभारंभ अवसर को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में सभी के लिए सब कुछ है. देश में उपलब्ध लगभग सभी पर्यटन आकर्षण मध्यप्रदेश में है. विशेष रूप से मध्यप्रदेश की स्थानीय जनजातीय संस्कृति का अनुभव पर्यटकों के लिए अनोखा होता है. प्राचीन समय से जनजातीय संस्कृति को संरक्षित रखते हुए मूल स्वरूप में सहेजा गया है. साथ ही इतिहास प्रेमियों के लिए तो मध्यप्रदेश स्वर्ग की तरह है. यहां यूनेस्को के 18 विश्व विरासत स्थल है. इसमें से 3 स्थायी सूची में और 15 अस्थायी सूची में शामिल हैं.
प्रमुख सचिव शुक्ला ने सभी का कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए धन्यवाद देते हुए उन्हें मध्यप्रदेश में पर्यटन के लिए आमंत्रित किया.
इसी के साथ किडजानिया दिल्ली में भी टूरिज्म एक्सपीरियंस सेंटर शुरू हो गया. साथ ही चीफ बिजनेस ऑफिसर किडजानिया तरणदीप सिंह शेखोंन ने कहा कि प्रदेश के पर्यटन स्थलों को बच्चों के जरिए परिवारों तक पहुंचाने के पहली बार किसी राज्य ने नवीन पहल की है. मध्यप्रदेश का यह नवाचार बच्चों को भविष्य का जिम्मेदार पर्यटक बनाने में अहम भूमिका निभाएगा.
कार्यक्रम में अतिरिक्त प्रबंध संचालक एमपी टूरिज्म बोर्ड बिदिशा मुखर्जी ने धन्यवाद ज्ञापित किया. उन्होंने कहा कि प्रदेश के पर्यटन स्थलों को देश भर के बच्चों तक पहुंचाने के लिए यह नवीन प्रयोग किया गया है. जंगल सफारी और रिवर राइड के माध्यम से बच्चे प्रदेश के वन्य जीव, नदियों, इतिहास और संस्कृति से परिचित होंगे. आने वाले समय में इसे और अधिक रोचक बनाया जाएगा.
कार्यक्रम में किडजानिया और एमपी टूरिज्म के बीच एमओयू एक्सचेंज सेरेमनी की गई. किडजानिया के डायरेक्टर और चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर यजदी खंबाटा ने प्रमुख सचिव शुक्ला को एमपी टूरिज्म एक्सपीरियंस सेंटर की चाबी भेंट की. इसके बाद किडजानिया के बच्चों के संग केक कटिंग कर सेंटर के शुभारंभ की खुशी मनाई गई. किडजानिया के मैस्कॉट और बच्चों के साथ किडजानिया परेड के साथ किडजानिया सिटी घूमते हुए सभी अतिथि एमपी टूरिज्म के एक्सपीरियंस सेंटर पहुंचे. प्रमुख सचिव श्री शुक्ला ने बच्चों के साथ रिबन खोल के एक्सपीरियंस सेंटर का शुभारंभ किया.
मध्यप्रदेश टूरिज्म एक्सपीरियंस सेंटर का उद्देश्य बच्चों को प्रदेश की प्राकृतिक धरोहर, जैव विविधता, नदियों और सांस्कृतिक विरासत से रोचक और रचनात्मक तरीके से जोड़ना है. यह पहल न केवल बच्चों को रोमांचक अनुभव प्रदान करती है, बल्कि उनके माध्यम से पूरे परिवार को भी मध्यप्रदेश के पर्यटन स्थलों के प्रति आकर्षित करने का कार्य करती है.
इस सेंटर में दो प्रमुख वर्चुअल अनुभव प्रस्तुत किए जा रहे हैं – जंगल सफारी और रिवर राफ्टिंग. जंगल सफारी के दौरान बच्चे वर्चुअल जीप सफारी में मध्यप्रदेश के घने जंगलों, राष्ट्रीय उद्यानों और जंगली जानवरों को नजदीक से देखने का अनुभव करते हैं. वहीं, रिवर राफ्टिंग में वे प्रदेश की नदियों की लहरों पर सवारी करते हुए प्राकृतिक सौंदर्य और जलजीवों को जानने का रोमांच महसूस करते हैं. इन अनुभवों को और अधिक वास्तविक बनाने के लिए वर्चुअल रियलिटी, मोशन सेंसिंग तकनीक, एनवायरनमेंटल सिमुलेशन और 3D इफेक्ट्स का प्रयोग किया गया है.
सेंटर में बच्चों को हरे रंग की सफारी जैकेट पहनाई जाती है जिससे वे खुद को एक असली पर्यटक की भूमिका में महसूस कर सकें. हर अनुभव लगभग 10 मिनट का होता है. अनुभव के बाद बच्चों से दस प्रश्न पूछे जाते हैं और सही जवाब देने पर उन्हें किडजानिया करेंसी (kidZos) इनाम स्वरूप दी जाती है. बच्चों को खुद का पर्सनलाइज्ड पोस्टकार्ड भी डिजाइन करने का अवसर मिलता है, जिसका प्रिंटआउट वे साथ ले जा सकते हैं. इसके अतिरिक्त एमपी टूरिज्म की ओर से विशेष गिवअेज़ – जैसे कस्टम स्टिकर्स, बच्चों की डायरी और रंगीन पेंसिल्स भी वितरित किए जा रहे हैं.
इस पहल के माध्यम से बच्चे कई महत्वपूर्ण कौशल भी विकसित कर रहे हैं – जैसे जानवरों की पहचान के माध्यम से मनोदैहिक कौशल, पर्यवेक्षण और विश्लेषण क्षमता बढ़ाने वाले संज्ञानात्मक कौशल, वन्यजीवों के प्रति संवेदनशीलता को प्रोत्साहित करने वाले भावनात्मक कौशल और समूह में संवाद व साझा अनुभव के माध्यम से सामाजिक कौशल.
एमपी टूरिज्म एक्सपीरियंस सेंटर का यह नवाचार बच्चों को न केवल मनोरंजन और सीखने का अवसर दे रहा है बल्कि उन्हें भविष्य में जिम्मेदार और जागरूक पर्यटक बनने के लिए भी प्रेरित कर रहा है. यह एक ऐसा अनुभव है जिसे बच्चे जीवनभर याद रखेंगे और प्रदेश की यात्रा के लिए अपने परिवारों को भी प्रेरित करेंगे.
—————
/ डॉ. मयंक चतुर्वेदी
You may also like
नीट (यूजी) परीक्षा से पहले कोटा में एक छात्रा ने की खुदकुशी, जांच में जुटी पुलिस
सरकार भारत में क्रिएटर-फर्स्ट इकोसिस्टम बनाने के लिए प्रतिबद्ध : केंद्रीय मंत्री
कपाट खुलने पर प्रधानमंत्री मोदी के नाम से हुई बदरीनाथ के पहली महाभिषेक पूजा
Chhattisgarh Faces Thunderstorms, Hail and Lightning: Storm Alert for Next 3 Days, Teacher Killed in Sarguja
Business Ideas: अब मकान नहीं सामान किराए पर देकर करें मोटी कमाई, जानिए कैसे शुरू करें ये बिजनेस 〥