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अंबेडकर के विचारों को गांव-गांव ले जाने की जरूरत : चक्रपाणि

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भागलपुर, 10 अप्रैल . बिहार राज्य बाल श्रमिक आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर चक्रपाणि हिमांशु ने गुरुवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि आज के समय में डॉ भीमराव अंबेडकर के विचारों को गांव गांव तक पहुंचाने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि डॉ भीमराव अंबेडकर जयंती दिनांक 14 अप्रैल को अकबरनगर स्टेशन के पार्किंग स्थल पर धूमधाम से मनाया जाएगा. अंबेडकर निश्चय ही समाज के प्रेरक थे. उनका दर्शन सामाजिक चिंतन पर आधारित था. सामाजिक समानता, मौलिक अधिकार, मानवीय न्याय, समाजवाद तथा देश की एकता के लिए संघर्ष के पथ में उन्होंने अपने प्राणों की आहुति भी दी. जब कभी उनकी जयंती एवं पुण्यतिथि होगी तब सच्ची श्रद्धांजलि मात्र नाम पुकार कर नहीं बल्कि उनके काम को भारतीय समाज में व्यावहारिक रूप देने होंगे. डॉ अम्बेडकर एक महामानव, सच्चे देशभक्त और महान मानवतावादी थे. अंबेडकर मात्र दलितों का मसीहा नहीं बल्कि पूरे भारत के शोषित समाज के बुलंद आवाज थे. अंबेडकर ने कहा है कि शिक्षा के बिना राष्ट्र का पूर्ण कल्याण नहीं किया जा सकता. डॉ आंबेडकर किसी भी धर्म के विरोधी नहीं थे बल्कि उनकी लड़ाई तो छुआछूत और नफरत से थी. उनके विचारों को जन जन तक पहुंचाने के लिए 14 अप्रैल से 30 अप्रैल तक एक पखवाड़ा के रूप में धूमधाम से मनाया जाएगा.

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/ बिजय शंकर

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