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मोबाइल यूजर्स के लिए बुरी खबर, रिचार्ज प्लान होंगे 20% तक महंगे

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भारत के 120 करोड़ मोबाइल यूजर्स के लिए एक बड़ी खबर है, जो उनकी जेब पर भारी पड़ सकती है। देश की प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों—जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया—ने अपने रिचार्ज प्लान की कीमतों में 20% तक की बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। यह निर्णय अप्रैल 2025 से लागू हो सकता है, जिससे आम लोगों का मासिक खर्च बढ़ेगा। आइए, इस खबर के पीछे की वजहों, इसके प्रभाव और इससे निपटने के उपायों को समझते हैं।

रिचार्ज प्लान क्यों हो रहे हैं महंगे?

टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि यह बढ़ोतरी उनकी वित्तीय स्थिति को मजबूत करने और नेटवर्क सेवाओं को बेहतर करने के लिए जरूरी है। हाल के वर्षों में, 5जी नेटवर्क के विस्तार, डेटा ट्रैफिक में भारी वृद्धि और परिचालन लागत ने कंपनियों पर दबाव बढ़ाया है। उदाहरण के लिए, जियो ने 5जी इंफ्रास्ट्रक्चर में अरबों रुपये का निवेश किया है, जबकि एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया भी अपने नेटवर्क को अपग्रेड कर रहे हैं। कंपनियों का दावा है कि कीमतों में यह बदलाव ग्राहकों को तेज और विश्वसनीय सेवाएं प्रदान करने के लिए अनिवार्य है। हालांकि, कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम टेलीकॉम बाजार में प्रतिस्पर्धा को कम करने और मुनाफा बढ़ाने की रणनीति भी हो सकता है।

आम लोगों पर क्या होगा असर?

रिचार्ज प्लान की कीमतों में 15-20% की बढ़ोतरी का सीधा असर मध्यम और निम्न-आय वर्ग के यूजर्स पर पड़ेगा। उदाहरण के लिए, अगर आपका मासिक रिचार्ज 200 रुपये का है, तो अब आपको 240-250 रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं। डेटा पैक, अनलिमिटेड कॉलिंग और एसएमएस प्लान की कीमतें भी बढ़ेंगी, जिससे डिजिटल सेवाओं पर निर्भर लोग, जैसे स्टूडेंट्स, फ्रीलांसर और छोटे व्यापारी, सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां लोग किफायती प्लान पर निर्भर हैं, यह बढ़ोतरी बजट को बिगाड़ सकती है। सोशल मीडिया पर यूजर्स अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं, और कई लोग इसे आम आदमी के लिए ‘डिजिटल टैक्स’ की तरह देख रहे हैं।

टेलीकॉम कंपनियों की रणनीति

जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी सेवाओं को बेहतर करने के लिए भारी निवेश किया है। 5जी रोलआउट के बाद डेटा की मांग में 30% की वृद्धि हुई है, जिससे नेटवर्क पर दबाव बढ़ा है। कंपनियों का कहना है कि पुरानी कीमतों पर इतनी उन्नत सेवाएं देना अब संभव नहीं है। साथ ही, टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने भी कंपनियों को टैरिफ में बदलाव की छूट दी है, बशर्ते ग्राहकों को पर्याप्त नोटिस दिया जाए। हालांकि, कुछ विश्लेषकों का कहना है कि यह एक साथ की गई बढ़ोतरी बाजार में एकाधिकार की ओर इशारा करती है, क्योंकि तीनों प्रमुख कंपनियां एक ही समय पर कीमतें बढ़ा रही हैं।

ग्राहकों के लिए क्या हैं विकल्प?

इस बढ़ोतरी से बचने के लिए ग्राहक कुछ कदम उठा सकते हैं। सबसे पहले, अपने मौजूदा प्लान की समीक्षा करें और देखें कि क्या आप कम डेटा या वैलिडिटी वाले प्लान के साथ काम चला सकते हैं। कई कंपनियां अब भी कुछ सस्ते प्रीपेड और पोस्टपेड प्लान ऑफर करती हैं। दूसरा, लंबी वैलिडिटी वाले प्लान, जैसे 84 दिन या वार्षिक प्लान, चुनें, जो प्रति दिन की लागत को कम करते हैं। तीसरा, बीएसएनएल जैसे सरकारी टेलीकॉम ऑपरेटर की सेवाओं पर विचार करें, जो अभी भी किफायती प्लान दे रहे हैं। इसके अलावा, वाई-फाई का अधिक उपयोग कर डेटा खपत को कम किया जा सकता है। अगर आपको लगता है कि नई कीमतें अनुचित हैं, तो आप ट्राई की वेबसाइट पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

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