हरियाणा, एक ऐसा राज्य जो अपनी समृद्ध संस्कृति और प्रगतिशील नीतियों के लिए जाना जाता है, अब विधायी ड्राफ्टिंग के क्षेत्र में भी नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। हाल ही में, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 36वें अंतरराष्ट्रीय विधायी प्रारूपण प्रशिक्षण कार्यक्रम में अपने विचार साझा किए।
यह आयोजन 16 से 21 अप्रैल, 2025 तक हरियाणा विधानसभा में हो रहा है, जिसमें 13 देशों के 28 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। यह कार्यक्रम न केवल तकनीकी प्रशिक्षण का मंच है, बल्कि वैश्विक सहयोग और सामाजिक परिवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।
समाज की भावनाओं को समझने वाला कानून
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अपने संबोधन में जोर देकर कहा कि कानून बनाना केवल कागजी प्रक्रिया नहीं है। यह समाज की जरूरतों, भावनाओं और भविष्य की संभावनाओं को ध्यान में रखकर किया जाने वाला एक संवेदनशील कार्य है। एक अच्छा विधायी ड्राफ्ट न सिर्फ मौजूदा समस्याओं का समाधान करता है, बल्कि समाज को प्रगति के पथ पर ले जाता है।
उन्होंने स्पष्टता, समानता और नागरिकों की भागीदारी को विधायी प्रक्रिया का आधार बताया। हरियाणा सरकार ने हमेशा समावेशी और सशक्त नीति निर्माण पर बल दिया है, जिसके परिणामस्वरूप शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।
डिजिटल विधायिका की ओर अग्रसर हरियाणा
हरियाणा ने डिजिटल युग में कदम रखते हुए अपनी विधायी प्रणाली को और पारदर्शी व सुलभ बनाया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि ई-गवर्नेंस के जरिए प्रशासन में पारदर्शिता लाई गई है। डिजिटल विधायिका की स्थापना ने विधायकों की कार्यक्षमता को बढ़ाया है और आम जनता तक सूचनाओं की पहुंच को आसान बनाया है। यह तकनीकी बदलाव हरियाणा को एक आधुनिक और उत्तरदायी विधायी ढांचे की ओर ले जा रहे हैं, जो अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणादायक है।
वैश्विक मंच पर भारत का दर्शन
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम, जो लोकसभा सचिवालय के संसदीय लोकतंत्र अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (PRIDE) के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है, वैश्विक सहयोग का एक शानदार उदाहरण है। मुख्यमंत्री ने इसे केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं, बल्कि राष्ट्रों के बीच आपसी समझ और ज्ञान के आदान-प्रदान का मंच बताया। उन्होंने भारत के प्राचीन दर्शन “वसुधैव कुटुम्बकम्” यानी “दुनिया एक परिवार है” को रेखांकित करते हुए कहा कि यह आयोजन वैश्विक एकता को मजबूत करता है। विभिन्न देशों के प्रतिभागियों का एक साथ आना लोकतांत्रिक मूल्यों को सशक्त बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
विधायी ड्राफ्टिंग: तकनीक से ज्यादा दूरदर्शिता
नायब सिंह सैनी ने विधायी ड्राफ्टिंग को एक दूरदर्शी प्रक्रिया बताया, जो सामाजिक परिवर्तन की भावना को मूर्त रूप देती है। उन्होंने कहा कि भारत का विधायी ढांचा सामाजिक न्याय, समावेशिता और पारदर्शिता का प्रतीक है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को विधायी प्रक्रियाओं की बारीकियों, संवैधानिक ढांचे और व्यावहारिक उदाहरणों से परिचित कराना है। उन्होंने विश्वास जताया कि इस मंच पर साझा किया गया ज्ञान प्रतिभागियों के देशों की विधायी प्रणालियों को और मजबूत करेगा।
हरियाणा की आतिथ्यता और सांस्कृतिक विरासत
मुख्यमंत्री ने प्रतिभागियों को हरियाणा की आतिथ्यता का अनुभव कराने का वादा किया। उन्होंने कहा कि जब वे अपने देश लौटेंगे, तो हरियाणा की संस्कृति, मित्रता और सुखद अनुभवों की यादें उनके साथ जाएंगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री और हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष हरविंदर कल्याण ने प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया, जो इस आयोजन की गरिमा को और बढ़ाता है।
यह आयोजन हरियाणा के लिए गर्व का क्षण है। यह न केवल राज्य की प्रगतिशील सोच को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की लोकतांत्रिक ताकत को भी रेखांकित करता है। हरियाणा की यह पहल निश्चित रूप से अन्य राज्यों और देशों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।
You may also like
Scorching Heatwave Grips Madhya Pradesh: Temperatures Soar Beyond 44°C in Several Districts
Sinthan Top Closed for Traffic Due to Heavy Snowfall on NH 244: Two-Day Suspension Announced
छत्तीसगढ़ में प्रेमी ने पुलिस से गर्लफ्रेंड की मांग की, खुदकुशी की दी धमकी
हरियाणा में राशन कार्ड धारकों के लिए नई चुनौतियाँ
वास्तु शास्त्र में भोजन से जुड़ी अहम बातें: बेड पर खाने से क्यों आती है दरिद्रता और अशांति