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8 साल की बच्ची के साथ रेप के बाद हत्या, कोर्ट ने कहा- अब दया नहीं, सजा ही सजा!

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बिहार के मधुबनी जिले में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया, जहां आठ साल की मासूम बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या के दोषियों को स्थानीय अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। यह घटना न केवल समाज के लिए एक चेतावनी है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि न्यायपालिका कितनी गंभीरता से ऐसे जघन्य अपराधों को देखती है। कोर्ट ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए दोषियों पर कोई दया नहीं दिखाई और उन्हें मृत्युदंड की सजा सुनाई।

22 जून, 2023 को मधुबनी के जयनगर थाना क्षेत्र में यह भयानक घटना घटी। दोषियों, सुशील कुमार राय (Sushil Kumar Rai) और ओम प्रकाश झा (Om Prakash Jha), ने एक आठ साल की मासूम बच्ची का अपहरण किया। बच्ची दलित समुदाय से थी, और उसकी मासूमियत का फायदा उठाकर आरोपियों ने उसे बहला-फुसलाकर जयनगर बाजार ले गए। वहां से उसे कोशी कॉलोनी के एक कमरे में ले जाकर सामूहिक बलात्कार किया गया। जब बच्ची ने विरोध किया और शोर मचाने की कोशिश की, तो इन दरिंदों ने उसका गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। इस अपराध की क्रूरता ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया।

कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

मधुबनी की विशेष SC/ST अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई। विशेष जज सैयद मोहम्मद फजलुल बारी (Syed Mohammad Fazlul Bari) ने इस मामले को गंभीरता से लिया और दोनों दोषियों को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302/34 के तहत मृत्युदंड की सजा सुनाई। इसके साथ ही, पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) और SC/ST एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत आजीवन कारावास और 1.2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। जज ने अपने फैसले में स्पष्ट कहा, “यह अपराध इतना जघन्य है कि दोषी किसी भी दया के पात्र नहीं हैं।” यह फैसला समाज में एक मजबूत संदेश देता है कि बच्चों के खिलाफ अपराध बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।

कानूनी प्रक्रिया और गवाहों की भूमिका

इस मामले में विशेष सरकारी वकील सपन कुमार सिंह (Sapan Kumar Singh) ने पीड़ित पक्ष की ओर से मजबूती से पैरवी की। उन्होंने बताया कि यह एक दुर्लभ मामला था, जिसमें 20 महीनों तक चले ट्रायल के बाद फैसला सुनाया गया। 23 सितंबर, 2023 को मामला SC/ST विशेष कोर्ट में आया, और इस दौरान 20 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। पीड़िता के परिजनों के साथ-साथ स्वतंत्र गवाहों ने भी कोर्ट में अपनी बात रखी। 18 नवंबर, 2024 को दोनों दोषियों के बयान दर्ज किए गए, जिसके बाद कोर्ट ने अपना अंतिम फैसला सुनाया।

दिल्ली में बेचने की थी साजिश

सपन कुमार सिंह ने खुलासा किया कि दोषियों की योजना बच्ची को दिल्ली में बेचने की थी। जब बच्ची के परिजन घर पर नहीं थे, तब आरोपियों ने उसे बहलाकर जयनगर बाजार ले गए। लेकिन जब बच्ची ने विरोध किया, तो उन्होंने उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अगले ही दिन दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और बच्ची का शव बरामद किया। इस त्वरित कार्रवाई ने पुलिस की सक्रियता को भी दर्शाया।

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