नई दिल्ली: संसद का बजट सत्र शुक्रवार को संपन्न हुआ, जहां एक तरफ मोदी नीत एनडीए सरकार ने वक्फ बोर्ड संशोधन जैसे महत्वाकांक्षी बिल पास कराने को लेकर अपनी पीठ थपथपाई, वहीं कांग्रेस ने सत्र को लेकर मोदी सरकार और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। प्रमुख विपक्षी दल ने जहां एक ओर बीजेपी पर तानाशाही का आरोप लगाया तो वहीं दूसरी ओर कहा कि मोदी सरकार ने संसद सदन को पीएम मोदी का दरबार बना डाला है। मणिपुर पर देर रात चर्चा, कांग्रेस ने उठाए सवालमणिपुर को लेकर कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी को अंधेरे में ही काम करना पसंद है। लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने निशाना साधते हुए कहा कि लोकसभा में भी हमारे पास पूरा दिन था, गुरुवार को दिन में भी मणिपुर पर चर्चा हो सकती थी, लेकिन बीजेपी को रात के अंधेरे में काम करना पसंद है। उन्होंने मणिपुर को लेकर बीजेपी पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि वहां बीजेपी ने ने झूठ फैलाया। मणिपुर में गृहमंत्री की विफलताएं हैं, उसे छुपाने की कोशिश की गई। रात को ढाई बजे और तड़के 4 बजे चर्चा इसलिए कराना चाहते थे, ताकि मणिपुर में कोई देख न सके। 'क्या बीजेपी के लिए नियम-कानून नहीं हैं?'वहीं वक्फ को लेकर सोनिया गांधी की टिप्पणी पर मचे बवाल को लेकर गौरव गोगोई का कहना था कि क्या बीजेपी के लिए नियम-कानून नहीं हैं? उन्होंने ने कहा कि आज दोबारा संसदीय कार्य मंत्री ने सारे नियम जानते हुए भी, कांग्रेस की बैठक का उल्लेख किया। जो बात सदन के अंदर नहीं हुई है उसे सदन में उठाना सही नहीं है। उस पर संसदीय कार्य मंत्री और लोकसभा अध्यक्ष की भी टिप्पणी आती है। ये हमारी संसदीय मर्यादा, नियम, प्रक्रिया के लिए सोचने वाली बात है। लोकसभा अध्यक्ष ने बुलाई बैठक से कांग्रेस इसलिए रही दूरसूत्रों का कहना है कि इसी मुद्दे को लेकर कांग्रेस और उसके कुछ सहयोगी दलों ने लोकसभा अध्यक्ष की रस्मी जलपान बैठक से दूरी बनाई। स्पीकर बिरला ने शुक्रवार को कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी का नाम लिए बिना कहा कि वक्फ बिल को पास किए जाने पर उनकी टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण और संसदीय लोकतंत्र की मर्यादा के अनुरूप नहीं है। एक वरिष्ठ सांसद द्वारा लोकसभा की कार्यवाही पर प्रश्न उठाना उचित नहीं है। नरेंद्र मोदी का दरबार बन गया है सदन- गौरव गोगोईगौरव गोगोई ने इसका उल्लेख करते हुए मीडिया में कहा कि ऐसा लगता है कि सदन धीरे-धीरे भारत की जनता का सदन नहीं, नरेंद्र मोदी का दरबार बन गया है, क्योंकि सदन में मोदी की जयकार स्वीकृत है, लेकिन जब जरूरी विषय पर सरकार की नीतियों की आलोचना होती है, तब सत्ता पक्ष अपनी कूटनीतियों से सदन को स्थगित करता है और जवाबदेही से भागता है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी लोकतंत्र में यकीन ही नहीं करती। अगर परंपरा नहीं निभा सकते, तो कम से कम नियमों का तो पालन करें। 'एक बार भी बोलने की अनुमति नहीं मिली'गौरव गोगोई ने कहा कि विपक्षी दलों ने अपनी चिंता स्पीकर लिखकर जताई, मिलने भी गए, लेकिन कोई बदलाव नहीं दिखा। कांग्रेस नेता का कहना था कि अमेरिका ने जो 27 फीसदी टैरिफ भारत के निर्यात पर लगाया है, उसे लेकर हम कार्यस्थगन की मांग कर रहे थे। एक बार भी बोलने की अनुमति नहीं मिली, हम अपनी बात रिकॉर्ड पर नहीं ला पाए। बीजेपी लोकतंत्र में यकीन नहीं करती- प्रमोद तिवारीकांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने मसला उठाया कि हमने लोकसभा में सत्ता पक्ष के सदस्य द्वारा राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष का नाम लेते हुए गंभीर और बेबुनियाद आरोप लगाते हुए देखा। जिसका हमारे सदस्यों ने विरोध किया और उसे कार्यवाही से निकालना पड़ा। उनका कहना था कि राज्यसभा में खरगे जी ने इस बात को चुनौती दी, तो सभी ने गलत माना। वहीं उन्होंने कहा कि बीजेपी लोकतंत्र में यकीन ही नहीं करती। अगर परंपरा नहीं निभा सकते, तो कम से कम नियम तो फॉलो करें।इसी तरह लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को लेकर सदन में एक घटना का जिक्र करते हुए गोगोई का कहना था कि हमने देखा कि स्पीकर ने सदन में आकर लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष के बारे में टिप्पणी की और विपक्ष के नेता को बोलने का मौका दिए बिना सदन को स्थगित कर दिया।
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